जस्टिस अरुण मिश्रा हुए रिटायर, अटार्नी जनरल ने बताया ‘आयरन जज’

0

नई दिल्ली, 02 सितम्बर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरुण मिश्रा का बुधवार को अंतिम कार्यदिवस था। आज जस्टिस मिश्रा चीफ जस्टिस एसए बोब्डे की अध्यक्षता वाली बेंच का हिस्सा थे। अपने आखिरी कार्यदिवस पर जस्टिस मिश्रा ने भावुकता के साथ अपने सभी साथियों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि मैंने अपने विवेक के साथ हर मामले को निपटाया है।
जस्टिस मिश्रा ने कहा कि कभी-कभी मैं अपने व्यवहार में काफी कठोर होता हूं लेकिन इससे किसी को दुख नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे हर फैसले का विश्लेषण करें लेकिन उस पर कोई रंग न दें। अगर किसी को चोट पहुंचाई हो तो मुझे माफ करें। इस मौके पर चीफ जस्टिस एसए बोब्डे ने कहा कि जस्टिस अरुण मिश्रा ने साहस के साथ अपना कर्तव्य निभाया है। वे प्रकाश पुंज की तरह हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि वे पहली बार और अंतिम बार जस्टिस मिश्रा के साथ बेंच में एक साथ बैठे हैं। इस मौके पर अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि जस्टिस मिश्रा ने कई महत्वपूर्ण फैसले किए। अटार्नी जनरल ने जस्टिस मिश्रा को ‘आयरन जज’ कहा। उन्होंने कहा कि अगर प्रशांत भूषण को सजा नहीं दी गई होती तो वे इसकी व्यक्तिगत रुप से सराहना करते लेकिन उनके इस फैसले पर लंबे समय तक बहस होगी।
इस मौके पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे को नहीं बोलने देने पर दुष्यंत दवे ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर नाराजगी जताई है। दुष्यंत दवे ने कहा है कि वे इस घटना से काफी आहत हैं। दवे ने कहा कि मैं भी चीफ जस्टिस का कार्यकाल दिसंबर में खत्म होने तक सुप्रीम कोर्ट की ओर से आयोजित किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लूंगा। दवे ने पत्र में कहा है कि मैं ने मानता हूं कि सुप्रीम कोर्ट के जज बार से डर गए हैं। उन्होंने कहा कि ये जरुर याद रखिए कि जज आते और जाते हैं लेकिन बार हमेशा स्थिर रहता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *