राजपुर सुरक्षित विधानसभा सीट पर इस बार घात -प्रति घात का खेल होना लाजमी

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बक्सर 02 सितम्बर (हि ,स ) राजपुर विधानसभा सुरक्षित सीट पर घात -प्रतिघात का होना लाजमी माना जा रहा है |इस बार भाजपा की  ओर से ही इसकी शुरुआत की सम्भावना बनरही है |जब की राजद के कई ऐसे क्षेत्र में प्रभाव रखने वाले नेता है जो राजद आला कमान द्वारा सर्वसम्मत प्रत्याशी ना देने पर बगावत करने को आतुर है |वर्तमान में राजपुर विधानसभा की सुरक्षित सीट जदयू के खाते में है जिसपर सूबे के परिवहन मंत्री संतोष निराला का कब्जा है |निराला अनवरत दो बार से इस विधानसभा सीट पर विजयी होते आरहे है |यह तो तय है की इस बार  भाजपा -जदयू गठबंधन के तहत जदयू निराला को ही अपना प्रत्याशी बनाएगा पर क्या निराला इस सीट से हेट्रिक लगा पायेंगे यह देखना दिलचस्प होगा |

2015 विधानसभा चुनाव के दौरान जदयू -राजद गठबंधन के तहत जदयू कोटे से लडे निराला भाजपा उमीदवार विश्वनाथ राम को शिकस्त देने में कामयाब रहे थे | इस बार बदले समीकरण में भाजपा -जदयू का गठबंधन है ,जहा जदयू की पुस्तैनी दावेदारी होने से बातौर प्रत्याशी निराला ही होंगे |ऐसे में राजपुर विधानसभा क्षेत्र में दखल रखनेवाले पूर्व प्रत्याशी विश्वनाथ राम का बागी प्रत्याशी के तौर पर पर्चा दाखिला को भी तय मन जा रहा है |इस बाबत खुद विश्वनाथ राम का कहना है किभाजपा अगर उचित सम्मान नही देती है तो और भी पार्टिया है |
रही बात राजद की तो अभी इस सीट पर प्रत्याशी का चेहरा आना बाकी है 2015 विधानसभा चुनाव के दौर में जदयू के पाले में सीट के चले जाने और बाद में जदयू का सरकार में पलाबदलाना  यादव विरादरी को खल रहा है |राजपुर विधानसभा सभा की सीट पर कई टुकडो में बटी अतिपिछड़ी जातियों से दीगर दूसरे पादन पर खड़े यादव और ब्राम्हण के बाद भूमिहार जाती बहुल के लोग ही इसबार के निर्णायक की भूमिका अदा कर सकते है |जब की अति पिछड़ी जातियों में गोलबंदी नही बनने की मुख्य वजह यूपी की सीमावर्ती क्षेत्र होने से बसपा इन जाती विशेष में  अपनी दखल रखती है |जो इस बार अपना उमीदवार उतार सकती है |जबकि बाम दलो मे भाकपामाले अतिपिछड़ी जाती विशेष में आंशिक दखल रखने से जदयू प्रत्याशी व मंत्री निराना के सामने परेशानिया खड़ी कर सकती है |
वास्तविकता की धरातल पर इस बार राजपुर सुरक्षित सीट का डगर निराना के लिए आसान नही होने वाला है |खुद राजपुर प्रखंड के रसेन पंचायत ,इटाढ़ी के उधरा पंचायत समेत छह पंचायतो में समुचित विकाश और सडक को लेकर काफी विरोध है इसमें सभी जाती विशेष के लोग शामिल है |जबकि निराला द्वारा विकाश करने की दुहाई दी जा रही है |
अब देखना दिलचस्प होगा की सम्भावित त्रिकोणात्मक चुनाव में राजद गठबंधन के तले एक जुट खड़े यादव मुस्लिम के साथ कांग्रेस के परम्परागत मतदाता ब्राम्हण ,राजपूत और अन्य  अगडी  जातियो की जुगलबंदी क्या गुल खिलाती है | जबकि भाजपा के स्थानीय नेता का बागी तेवर और बसपा व बामदलों के प्रत्याशियों के खड़े होने से सर्वाधिक क्षति निराला के खाते में ही जाती दिख रही है |हालाकि भाजपा अपने लोगो को गोलबंद करने के प्रयास में जुटी है इस बाबत  राज्य व केंद्र के वरीय भाजपा नेता सम्भावित बागी प्रत्याशी को मनाने के लिए प्रलोभन और प्रोत्साहन का पाशा फेक रहे है  |घात प्रतिघात से लबरेज राजपुर सुरक्षित सीट का चुनाव का आधार जातिगत होगा इस पैमाइस पर वर्तमान विधायक सह मंत्री निराला चुनौतियों से कैसे निपटते है दिखना दिलचस्प होगा |

 


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