लखनऊ, 29 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शनिवार को प्रदेश के झांसी में रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कॉलेज और प्रशासनिक भवनों का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि कभी रानी लक्ष्मीबाई ने बुन्देलखण्ड की धरती पर गर्जना की थी कि मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी। आज एक नई गर्जना की आवश्यकता है- मेरी झांसी-मेरा बुन्देलखण्ड आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत लगा देगा, एक नया अध्याय लिखेगा। इसमें बहुत बड़ी भूमिका कृषि की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम कृषि में आत्मनिर्भरता की बात करते हैं तो ये सिर्फ खाद्यान्न तक ही सीमित नहीं है। बल्कि ये गांव की पूरी अर्थव्यवस्था की आत्मनिर्भरता की बात है। ये देश में खेती से पैदा होने वाले उत्पादों में वैल्यू एडिशन करके देश और दुनिया के बाजारों में पहुंचाने का मिशन है। कृषि में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य किसानों को एक उत्पादक के साथ ही उद्यमी बनाने का भी है। जब किसान और खेती, उद्योग के रूप में आगे बढ़ेगी तो बड़े स्तर पर गांव में और गांव के पास ही रोज़गार और स्वरोजगार के अवसर तैयार होने वाले हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि छह साल पहले जहां देश में सिर्फ एक केंद्रीय कृषि विश्विद्यालय था, आज तीन सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी देश में काम कर रही हैं। इसके अलावा तीन और राष्ट्रीय संस्थान आईएआरई-झारखंड, आईएआरई-असम, और मोतीहारी में महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट फॉर इंटीग्रेटेड फार्मिंग की स्थापना की जा रही है। ड्रोन टेक्नॉलॉजी हो, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की टेक्नॉलॉजी हो, आधुनिक कृषि उपकरण हों, इसको देश की कृषि में अधिक से अधिक उपयोग में लाने के लिए आप जैसे युवा शोधकर्ताओं को, युवा वैज्ञानिकों को निरंतर काम करना होगा।
उन्होंने कहा कि कृषि से जुड़ी शिक्षा को, उसकी प्रेक्टिकल एप्लीकेशन को स्कूल स्तर पर ले जाना भी आवश्यक है। प्रयास है कि गांव के स्तर पर मिडिल स्कूल लेवल पर ही कृषि के विषय को इंट्रोड्यूस किया जाए। इससे दो लाभ होंगे। एक लाभ तो ये होगा कि गांव के बच्चों में खेती से जुड़ी जो एक स्वभाविक समझ होती है, उसका विस्तार होगा। दूसरा लाभ ये होगा कि वो खेती और इससे जुड़ी तकनीक, व्यापार-कारोबार के बारे में अपने परिवार को ज्यादा जानकारी दे पाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ बुन्देलखण्ड के लोग भी डटे हुए हैं। सरकार ने भी प्रयास किया है कि लोगों को कम से कम दिक्कत हो। गरीब का चूल्हा जलता रहे, इसके लिए उत्तर प्रदेश के करोड़ों गरीब और ग्रामीण परिवारों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। बुन्देलखण्ड की करीब-करीब 10 लाख गरीब बहनों को इस दौरान मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए हैं। लाखों बहनों के जनधन खाते में हजारों करोड़ रुपये जमा किए गए हैं।
गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत यूपी में 700 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च अब तक किया जा चुका है, जिसके तहत लाखों कामगारों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है। मुझे बताया गया है कि इस अभियान के तहत यहां बुन्देलखण्ड में भी सैकड़ों तालाबों को ठीक करने और नए तालाब बनाने का काम किया गया है। जब ये तैयार हो जाएंगी तो इससे बुन्देलखण्ड के लाखों परिवारों को सीधा लाभ होगा। इतना ही नहीं, बुन्देलखण्ड में, भूजल के स्तर को ऊपर उठाने के लिए अटल भूजल योजना पर भी काम चल रहा है।
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे हो या फिर डिफेंस कॉरीडोर, हज़ारों करोड़ रुपये के ये प्रोजेक्ट यहां रोजगार के हजारों अवसर बनाने का काम करेंगे। वो दिन दूर नहीं जब वीरों की ये भूमि, झांसी और इसके आसपास का ये क्षेत्र देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक बड़ा सेंटर बनेगा। एक तरह से बुन्देलखण्ड में ‘जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान’ का मंत्र चारों दिशाओं में गूंजेगा। केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश की सरकार बुन्देलखण्ड की पुरातन पहचान को, इस धरती के गौरव को समृद्ध करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुन्देलखण्ड में अच्छी कनेक्टिविटी के लिए बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखी थी। उन्होंने कहा कि 296 किलोमीटर का ये एक्सप्रेस-वे 15 प्रतिशत के कार्य को आगे बढ़ाने में सफल हो चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक चार राज्य कृषि विश्वविद्यालय पहले से कार्यरत हैं। केन्द्रीय कृषि विश्व महारानी लक्ष्मीबाई के बनने से न केवल बुन्देलखण्ड क्षेत्र लाभान्वित होगा बल्कि किसानों को आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करने के प्रधानमंत्री के संकल्प को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। मैं इस बात के लिए विश्वास दिलाता हूं कि उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री मोदी की आत्मनिर्भरता की संकल्पना पर पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेगा।