​देश की मजबूती के लिए रक्षा उद्योग को ‘आत्मनिर्भर’ बनाना जरूरी : मोदी

0

आधुनिक उपकरणों में आत्मनिर्भरता के लिए तकनीकी अपग्रेडेशन किया जाना चाहिए



नई दिल्ली, 27 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज़ादी मिलने के बाद भारत के रक्षा उद्योग पर अपेक्षित ध्यान नहीं दिया जा सका। अब तक हथियारों के कारखानों को सरकारी विभागों की तरह ही चलाया जाता रहा है जिससे देश के साथ ही रक्षा उद्योग के कर्मचारियों को भी बहुत नुकसान हुआ है। इसलिए बीते कुछ सालों से हमारी कोशिश है कि देश के रक्षा उद्योग को मजबूत किया जाए। रक्षा उत्पादन से जुड़े स्टेक होल्डर्स की मौजूदगी में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए पीएम मोदी ने कहा कि आधुनिक उपकरणों में आत्मनिर्भरता के लिए तकनीकी अपग्रेडेशन जरूरी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य भारत में ही उत्पादन बढ़ाना, नई तकनीक भारत में ही विकसित करना और इस उद्योग में प्राइवेट सेक्टर का अधिकतम विस्तार करना है, जिसके लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि आज यहां हो रहे मंथन से जो परिणाम मिलेंगे उससे आत्मनिर्भरता के हमारे प्रयासों को गति मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों से आयुध कारखानों को सरकारी विभागों की तरह ही चलाया जा रहा था। उन्होंने कहा कि सीमित विजन के कारण देश का नुकसान होने के साथ ही वहां काम करने वाले मेहनती, अनुभवी और कुशल श्रमिक वर्ग का भी बहुत नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि बहुत लंबे समय से देश में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति पर निर्णय नहीं हो पा रहा था, लेकिन मेरी सरकार का यह निर्णय नए भारत के आत्मविश्वास का प्रतीक है।
वेबिनार को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता का हमारा अभियान सिर्फ बातचीत या कागजों तक ही सीमित नहीं है। इसके कार्यान्वयन के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि सीडीएस के गठन के बाद सेना के तीनों अंगों में समन्वय बेहतर हुआ है। आने वाले दिनों में घरेलू रक्षा उद्योग को काफी ऑर्डर्स मिलने वाले हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक उपकरणों में आत्मनिर्भरता के लिए तकनीकी अपग्रेडेशन जरूरी है। मौजूदा समय में बन रहे उपकरणों की अगली पीढ़ी तैयार करने की भी जरूरत है। इससे लिए डीआरडीओ के अलावा निजी क्षेत्र और अन्य संस्थानों में भी काम किया जा रहा है। पीएम ने कहा कि डिफेंस कॉरिडोर पर तेजी से काम चल रहा है। उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु सरकारों के साथ मिलकर स्टेट ऑफ आर्ट इंफ्रास्टक्चर तैयार किया जा रहा है। इसके लिए आने वाले 5 वर्षों में 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा गया है।
‘डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग में आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर गुरुवार को वेबिनार का उद्घाटन करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुझे विश्वास है कि रक्षा उद्योग में अपने सहयोगी और सहकारी प्रयासों के माध्यम से, हम न केवल ‘मेक इन इंडिया’ बल्कि ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ भी हासिल करेंगे। हम बेहतर तरीके से दुनिया में योगदान देने के लिए आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं। इस दिशा में 101 रक्षा वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध जैसे कुछ साहसिक नीतिगत सुधार किए गए हैं।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने वेबिनार में कहा कि सशस्त्र सेनाएं आत्मनिर्भर भारत का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। स्वदेशी विकसित तकनीकों और उपकरणों के साथ युद्धों में विजयी होने और बाहर आने से ज्यादा संतुष्टि हमें कुछ भी नहीं देगी। हमारे पास उच्च-क्षमता वाले स्वदेशी हथियार प्रणालियों का उत्पादन करने की क्षमता, क्षमता और इच्छाशक्ति है। सरकार के ​मार्गदर्शन और  ‘आत्मनिर्भर ​​भारत के दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के साथ, आत्म-दक्षता हासिल करने और रक्षा उपकरणों के शुद्ध निर्यातक बनने का यह अवसर देखने का समय है। भारत आज कई चुनौतियों और खतरों का सामना कर रहा है। कोविड-19 ​की चुनौतियों ने हमारी क्षमता को मजबूती से स्थापित किया है।

 


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *