पटना, 27 अगस्त (हि.स.) । बिहार पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक बुरी खबर है। 50 साल की अवस्था पार कर चुके बिहार पुलिस के अधिकारियों और जवानों को उनकी सेहत की आधार पर छंटनी की जाएगी। छंटनी की यह गाज सिपाही से लेकर डीएसपी स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों पर गिर सकती है। राज्य सरकार के इस आदेश के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। सरकार के इस आदेश का बिहार पुलिस एसोसिएशन ने जमकर विरोध करना शुरू कर दिया है।
बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने गुरुवार को कहा कि पुलिस विभाग में सरकार के आदेश के तहत पत्र निर्गत कर के 50 साल से अधिक उम्र के अनुभवी पुलिसकर्मियों को अयोग्य घोषित करके सेवा से हटाने की साज़िश हो रही है। इस तरह का आदेश तुगलकी आदेश की तरह है। मृत्युंजय सिंह का कहना है कि वरीय अधिकारी इस तरह के आदेश का नाजायज इस्तेमाल करेंगे। जब दिल करेगा या जब उनकी जरूरत की पूर्ति नहीं हो पाएगी तो वैसी स्थिति में अयोग्य साबित करके हमें सेवा से हटा देंगे। इस तरह के आदेश से किसी भी वरीय के अधीन कार्य कर रहे कर्मी का आर्थिक और मानसिक शोषण होगा। सरकार के निर्णय के आलोक में समादेष्टा स्तर से इस तरह 50 साल से ज्यादा उम्र के कर्मियों की छंटनी की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है, जो हमें कदापि स्वीकार्य नहीं है।
बीपीए के अध्यक्ष ने कहा कि काफी लंबी अवधि तक अपनी सेवा योग्यता, कर्मठता, अनुभव से कुशलता पूर्वक सेवा के निर्वहन के उपरांत पदोन्नति का अवसर इस उम्र में प्राप्त होता है। इस उम्र में कर्मियों की काफी परिवारिक जवाबदेही बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि बच्चों की शादी, उच्च शिक्षा के साथ बहुत सारी पारिवारिक जिम्मेवारी रहती है। इस तरह की कार्रवाई से सभी स्तर के कर्मियों में काफी आक्रोश और भय का वातावरण व्याप्त हो चुका है। यदि इस तरह कर्मचारियों के साथ अन्याय होगा तो वे मानसिक पीड़ा से विचलित होकर आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एवं पुलिस मुख्यालय से आग्रह पूर्वक मांग करता हूं कि पुलिस विभाग में इस तरह की कार्रवाई पर अविलंब अंकुश लगाया जाए वरना हम इसका हर स्तर पर विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह के आदेश को तत्काल निरस्त किया जाए। इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।