कैट ने की सरकार से चीनी कंपनी हुवावे और जेडटीई पर प्रतिबंध लगाने की मांग

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कैट ने इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को भेजा पत्र



नई दिल्‍ली, 11 अगस्‍त (हि.स.)। कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ (कैट) ने भारत में 5जी नेटवर्क रोल आउट मे चीनी कंपनी हुवावे और जेडटीई कॉरपोरेशन के भाग लेने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। कैट ने मंगलवार को केंद्रीय संचार और प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद को एक पत्र भेजकर ये मांग की है। कारोबारी संगठन कैट ने अपनी मांग को ज़ोरदार तरीक़े से उठाते हुए कहा कि देश की सुरक्षा, संप्रभुता और डाटा सुरक्षा के लिए ये प्रतिबंध बेहद जरूरी है।

कैट ने ये मांग चीनी वस्तुओं के बहिष्कार करने के गत 10 जून को घोषित अपने राष्ट्रीय अभियान “भारतीय सामान-हमारा अभिमान“ के तहत किया है। कन्‍फेडरेशन ने अपनी मांग में कहा कि 5जी नेटवक विस्तार और महत्वपूर्ण टेक्‍नोलॉजी के उपयोग के किसी भी तरह के दुरुपयोग को रोकने के लिए इस तरह का प्रतिबंध बेहद जरूरी है।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को भेजे पत्र में कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने हुवावे एवं जेडटीई कॉरपोरेशन की प्रौद्योगिकी और उनके उपकरणों को किसी भी कंपनी द्वारा 5G नेटवर्क रोलआउट में इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने की मांग की।

खंडेलवाल ने कहा कि हुवावे और जेडटीई दोनों चीनी कंपनियों ने भारत में रोल आउट किए जाने के लिए 5जी नेटवर्क के बुनियादी ढांचे में भाग लेने के लिए आवेदन किया है। उन्‍होंने कहा कि यदि चीनी कंपनियों को ये अनुमति दी जाती है तो वे निश्चित रूप से 5जी नेटवर्क के लिए आवश्यक सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर बनाने के अवसर को हड़पने का एक मौक़ा होगा। दरअसल ये भारतीय दूरसंचार पर चीनी कंपनियों का कब्‍जा करने का मार्ग प्रशस्त करेगा, जबकि प्रतिबंध लगने की स्तिथि में भारतीय कंपनियों को अपनी टेक्‍नोलॉजी को उचित प्रदर्शन का अवसर मिलेगा। यह देश के निर्यात और आयात में सुधार के लिए बहुत हद तक फायदेमंद होगा। वहीं, दूसरी ओर यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘लोकल पर वोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को सफल बनाने का एक बड़ा मौक़ा होगा।

उन्‍होंने कहा कि भारत सरकार ने कैट की मांग और अन्य घटनाओं की वजह से हाल ही में समय रहते अनेक आवश्‍यक कदम उठाए हैं, जिसकी वजह से भारत में चीनी टेक्‍नोलॉजी के इस्तेमाल पर बहुत हद तक लगाम लगाई जा सकी है। खंडेलवाल ने इस संदर्भ में केंद्र सरकार के जून में 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही एक महीने से भी कम समय के भीतर अन्‍य 47 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने को सही कदम बताया। गौरतलब है कि ये प्रतिबंधित 47 चीनी ऐप्स 59 चीनी ऐप्स के क्लोन के रूप में काम कर रही थीं। वहीं, भारत सरकार ने 250 से अधिक चीनी ऐप्‍स की एक सूची भी तैयार की है, जिसमें अलीबाबा से जुड़े ऐप भी शामिल हैं।

खंडेलवाल ने कहा कि रेलवे, राजमार्ग, मेट्रो परियोजनाओं सहित आदि विभिन्न क्षेत्रों में चीनी कंपनियों के साथ अनुबंधों को रद्द करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कुछ महत्वपूर्ण और मजबूत कदम निश्चित रूप से भारत के लोगों की चीन के प्रति भावनाओं के उबाल का सम्मान है। इसी तर्ज पर कैट ने रविशंकर प्रसाद से भारत में 5G नेटवर्क रोलआउट में भाग लेने के लिए हुवावे और जेडटीई कारपोरेशन को अनुमति न देने की मांग की है। उल्‍लेखनीय है कि 5जी मोबाइल नेटवर्क को सुपर-फास्ट डाउनलोड गति और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की क्षमता विकसित करता है और इसलिए डेटा एकत्रित करने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। इन परिस्थितियों में इन दोनों चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया जाना बेहद जरूरी है।

 


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