पंजाब मंत्रिमंडल ने स्कूली छात्रों को 1.73 लाख स्मार्टफोन बांटने को दी मंजूरी

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चंडीगढ़, 05 अगस्त (हि.स.) । पंजाब मंत्रिमंडल ने बुधवार को सरकारी स्कूलों में पढ़ते छात्र और छात्राओं, जोकि इस वर्ष कोरोना महामारी के मद्देनजर ऑनलाइन ढंग से 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, को नवंबर महीने तक 1,73,823 स्मार्ट फोन बांटने का फैसला किया है।
ऐसे 50 हजार फोनों की पहली खेप राज्य सरकार को हासिल हो चुकी है और इनका वितरण जल्द ही शुरू किया जायेगा। इन फोनों में कई स्मार्ट फीचर जैसे कि टच स्क्रीन, कैमरा और पहले से मौजूद सरकारी ऐप्लीकेशनों जैसे कि ‘ई-सेवा ऐप’, जिसमें स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा मंजूरी प्राप्त 11वीं और 12वीं कक्षा का ई-पाठ्यक्रम शामिल होगा, को शामिल किया गया है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने कैबिनेट मीटिंग, जिसमें वितरण सम्बन्धी रूप रेखा को मंजूरी दी गई, के बाद बताया कि दूसरी खेप जल्द ही हासिल कर ली जायेगी और इन स्मार्ट फोनों के वितरण की सारी प्रक्रिया नवंबर महीने तक पूरी कर ली जायेगी।
कैबिनेट द्वारा इस बात का नोटिस लिया गया कि अकादमिक वर्ष 2020-21 के पहले चार महीने कैंपस में नियमित रूप से लगने वाली क्लासों के बिना ही गुजर गए हैं और जबकि प्राईवेट स्कूल ऑनलाइन क्लासें ले रहे हैं तो सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों खासकर 12वीं कक्षा में पढ़ने वालों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज कहा कि हालाँकि कुछ दिन पहले उन्होंने यह ऐलान किया था कि स्मार्ट फोनों की पहली खेप जोकि कुछ ही दिन पहले हासिल हुई है, का वितरण सिर्फ छात्राओं में किया जायेगी परन्तु अब 12वीं कक्षा के सरकारी स्कूलों में पढ़ते विद्यार्थियों और छात्राओं जिनके पास ऑनलाइन क्लास लगाने के लिए सहायक होने वाले स्मार्ट फोन नहीं हैं, दोनों को ही स्मार्ट फोन बाँटे जाएंगे। ऐसा यह यकीनी बनाने के लिए किया गया है कि कोविड महामारी के समय के दौरान इन विद्यार्थियों और छात्राओं की पढ़ाई का नुक्सान न हो।
इसके साथ ही राज्य सरकार ने अपने चुनावी वादों में से एक और को पूरा कर दिया है और वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में घोषित ‘द पंजाब स्मार्ट कनेक्ट स्कीम’ को लागू कर दिया है। इस स्कीम का मकसद नौजवान पीढ़ी की डिजिटल पहुँच को यकीनी बनाना और इसके साथ ही सरकारी ऐप्लीकेशनों (ऐप) के द्वारा प्राथमिक लोकपक्षीय सेवाओं, शिक्षा, करियर के मौकों, कौशल विकास एवं रोजगार के मौकों तक उनकी पहुँच को यकीनी बनाना था।
सितम्बर 2019 में एक मीटिंग के दौरान कैबिनेट ने उन 11वीं और 12वीं कक्षा की सरकारी स्कूलों की 1.6 लाख छात्राओं को वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान मोबाइल फोन मुहैया करवाने का फैसला किया था, जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं था। इस सम्बन्धी खुली प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया बाद में मैसर्ज लावा इंटरनेशनल लिमिटेड के साथ करार पर दस्तखत किये गए। परन्तु, इन स्मार्ट फोनों को हासिल और इनका वितरण करने के समय देश में कोरोना  की महामारी फैल गई और परिणामस्वरूप इन स्मार्ट फोनों को अकादमिक वर्ष 2019-20 के दौरान हासिल करके बँटा नहीं जा सका।

 


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