गंडक के साथ बागमती, महानंदा और कोसी भी उफान पर, जगह-जगह टूट रहे बांध

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दरभंगा के कुशेश्वर स्थान थाने में पानी के बीच घूम रहे सांप, पुलिसकर्मी भयभीतकुशेश्वर स्थान थाने में गश्त के लिए नाव भी नहीं, पुलिसकर्मी पेड़ के नीचे कर रहे कामनदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण कई जगह  तटबंधों पर दबाव



पटना, 28 जुलाई (हि.स.)। बिहार में बाढ़ का कहर गहराता जा रहा है। गंडक के साथ बागमती, महानंदा और कोसी भी उफान पर हैं। जगह-जगह बांधों का टूटना जारी है। इस बीच दरभंगा के कुशेश्‍वर स्‍थान पुलिस थाना में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। हाल यह है कि थाना में बाढ़ के पानी के बीच सांप घूमते दिख रहे हैं और पुलिस के पास गश्त पर जाने के लिए नाव तक नहीं है। विवश पुलिसकर्मी फिलहाल पेड़ के नीचे सारा काम कर रहे हैं। गोपालगंज में नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे पर बाढ़ का पानी आने से वाहनों को रूट बदलकर आगे भेजा जा रहा है।

इसके अलावा नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण कई तटबंधों पर दबाव बना हुआ है। चौथम में दो जगहों पर बांध में रिसाव हो रहा है। मुंगेर में भी गंगा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है। सुपौल में कोसी नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। किशनगंज में महानंदा और मेंची नदी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी हुई है। ये नदियां कटाव कर रही हैं। कटिहार में महानंदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

दरभंगाः सड़क किनारे टेंट में सो रहे पति-पत्नी को पिकअप वैन ने रौंदा 

दरभंगा जिले में मंगलवार सुबह करीब 4 बजे एक तेज रफ्तार पिकअप वैन ने पति-पत्नी को रौंद दिया। इससे दोनों की मौत हो गई। घटना केवटी थाना क्षेत्र की है। केवटी बाढ़ प्रभावित है। पानी में घर डूबने के चलते सैकड़ों लोगों ने सड़क पर शरण ली है। लोग सड़क किनारे टेंट बनाकर रह रहे हैं। थाना क्षेत्र के दरभंगा-जयनगर रोड पर कोयला स्थान के पास बाढ़ पीड़ित पति-पत्नी सुरेंद्र कुमार यादव और प्रेमशिला देवी सड़क किनारे सो रहे थे, तभी वैन ने दोनों को कुचल दिया। इसके बाद पिकअप वैन सड़क किनारे पलट गई। मौके पर मौजूद लोगों ने ड्राइवर और सहायक को पकड़ लिया। हादसे के बाद स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए और सुबह 5.30 से दरभंगा-जयनगर रोड को जाम कर दिया।

समस्तीपुरः 11 हजार वोल्ट के तार के संपर्क में आई नाव, 8 झुलसे, 2 लापता

समस्तीपुर जिले के चकमेहसी थाना के बाढ़ प्रभावित नवांपुर गांव से सोरमार बांध पर जा रही बाढ़ पीड़ितों से भरी नाव बिजली के 11 हजार वोल्ट के तार के संपर्क में आ गई। इससे नाव पर सवार 8 लोग झुलस गए और दो लोग करंट लगने के बाद नदी में गिर गए। दोनों लापता हैं। एसडीआरएफ की टीम लापता लोगों की तलाश कर रही है। करंट से झुलसे आठ लोगों को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में सजीवन कुमार, फूल कुमारी, सुधो कुमारी, संजना कुमारी, जूली देवी, सुषमा देवी, किरण देवी और राजकुमार कापर हैं। अजय कुमार और दीपक कुमार लापता हैं। घटना सोमवार की रात करीब 11.30 बजे की है।

खगड़िया के 90 गांव डूबे, नदियों में उतार-चढ़ाव जारी

पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल में भी नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। इस बीच कई बाढ़ प्रभावित इलाकों से पानी निकल रहा है। खगड़िया के सात प्रखंडों की 32 पंचायतें बाढ़ की चपेट में हैं। इन पंचायतों के 90 गांव डूबे हुए हैं।

मोतिहारीः बाढ़ में डूबने से 6 लोगों की मौत

मोतिहारी की तीन अलग-अलग जगहों पर डूबने से छह लोगों की मौत हो गई। बंजरिया प्रखंड के गोबरी गांव में बाढ़ के पानी में डूबने से सगे भाई-बहन की मौत हो गई। राजेपुर थाना के क्षेत्र के ओपी सिंह गांव में चचेरे भाई-बहन की मौत हो गई, जबकि नरहा में एक और कुंडवा चैनपुर में एक-एक युवक की मौत हो गई।

पानी के दबाव से जगह-जगह टूट रहे बांध

पश्चिम चंपारण और मुजफ्फरपुर में दो तटबंध सहित सारण तटबंध कई जगह से टूट गए। पश्चिम चंपारण के मझौलिया में कोहड़ा नदी के दबाव से तटबंध टूट गया, जिससे 300 से अधिक घरों में पानी घुस गया है। वहीं, मुजफ्फरपुर में कदाने नदी का तटबंध फिर टूट गया। गोपालगंज में मांझा के पुरैना के बाद बैकुंठपुर के सोनवलिया, मड़वा तथा मूंजा में सारण तटबंध के जगह-जगह टूटने से गंडक नदी की विनाशकारी बाढ़ से चार प्रखंडों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। वहीं समस्तीपुर-दरभंगा और सुगौली-मझौलिया रेलखंड पर ट्रेन परिचालन ठप रहा। मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक ने बंदरा प्रखंड के बडग़ांव में रिंग बांध को तोड़ दिया। इससे हजारों की आबादी प्रभावित हो गई। मुजफ्फरपुर शहर के नए क्षेत्रों में बूढ़ी गंडक का पानी फैल रहा है।

लालबकेया और बूढ़ी गंडक उफान पर

पश्चिम चंपारण के शिवराजपुर गांव के पास चंपारण तटबंध में जारी रिसाव को लोगों ने रोक दिया है। पूर्वी चंपारण के शीतलपुर के पास पुल पर कटाव जारी है। छपवा-रक्सौल एनएच 527 पर वाहनों की आवाजाही पर रोक है। मधुबनी में स्थिति यथावत है। समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक का जलस्तर लाल निशान से ऊपर है। शहर पर खतरा बढ़ गया है। करेह तटबंध से रिसाव जारी है। सीतामढ़ी में बागमती, अधवारा और लालबकेया उफान पर हैं। मोतिहारी और सीतामढ़ी से शिवहर का संपर्क बाधित है।

 

 


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