सहकारी बैंकों से लोन लेने वाले किसानों का लोन हो सकता है माफ
पटना,27 जुलाई(हि.स.)। बिहार के सहकारी बैंकों से लोन लेने वाले किसानों को परेशान होने की जरुरत नहीं है। अगर उनका लोन लेने वाला खाता एनपीए हो गया है तो जल्द ही सरकार उनको कुछ राहत देने वाली है। सहकारी बैंक ऐसे खातों को बंद करने के लिए जल्द ही एकमुश्त भुगतान योजना (ओटीएस) लाने वाले हैं।
सहकारी बैंकों ने ओटीएस योजना अपने बोर्ड से पारित करा ली है, लेकिन कोरोना को लेकर इसे अभी लागू नहीं किया जा रहा है। उम्मीद है किसानों की फसल कटने पर नवम्बर या दिसम्बर में यह योजना लागू हो जाएगी। इस योजना से लगभग ढाई लाख ऐसे ऋणधारकों को लाभ होगा, जो समय से पैसा नहीं भुगतान कर सके हैं। इसमें सबसे ज्यादा केसीसी लेने वाले किसानों की संख्या है। इसका सेटलमेंट आधार अवधि पर तय किया जाएगा। बैंक ने लोन का 70 फीसदी से लेकर पूरा सूद माफ करने तक की योजना बनाई है। ऐसे खाते जो छह साल से लॉस एसेट घोषित कर दिये गये हैं, उनको इस योजना का लाभ मिलेगा। बैंकों ने इसके अलावा भी अपना लाभ बढ़ाने के लिए कई योजनाओं पर विचार किया है। अब ये बैंक ग्राहकों का पैसा छोटे बैंकों में फिक्स्ड डिपोजिट नहीं करेंगे। बल्कि इसके लिए बड़े बैंकों का ही चयन होगा जो ज्यादा सूद देंगे, इसके अलावा सरकार के बांड खरीदने में अधिक पैसा लगायेगा। सहकारिता विभाग के मंत्री राणा रणधीर सिंह और सचिव वंदना प्रेयसी ने सहकारी बैंकों को दूसरे वाणिज्यक बैंकों की तरह मजबूत बनाने के लिए कई काम शुरू कर दिये हैंं।