झारखंड : धनबाद में कोरोना से एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत

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धनबाद, 21 जुलाई (हि.स.)। धनबाद के चौधरी परिवार के छह सदस्यों को मात्र 16 दिन के अन्दर कोरोना ने लील लिया, इनमें मां और उनके पांच बेटे शामिल हैं। ऐसा लोमहर्षक और दिल को दहला देने वाला हादसा देश में शायद ही कहीं और हुआ हो। धनबाद से लेकर पूरे झारखंड में इस दर्दनाक हादसे की खबर लोगों के मुंह पर है और दिल में दहशत है। यह इसलिए भी बड़े शोक का विषय है कि इसी परिवार में जून के महीने में शादी की शहनाइयां बज रहीं थी।
दिल को दहला देने वाला ये मामला धनबाद के कतरास इलाके का है। यहां रानी बाजार में रहने वाले चौधरी  परिवार के छठे सदस्य की सोमवार को कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। कोरोना ने इस परिवार में सबसे पहले बुजुर्ग महिला को अपना शिकार बनाया था।
चार जुलाई को सबसे पहले 88 वर्षीय मां का निधन बोकारो के एक नर्सिंग होम में हुआ।  बाद में शव की जांच की गयी तो पता चला कि महिला कोरोना पॉजिटिव थी। उसके बाद एक-एक कर उनके पांच बेटे भी संक्रमण के शिकार होकर दुनिया से रुखसत होते गये। मां की मौत के बाद उनके एक बेटे ने रांची के रिम्स कोविड अस्पताल में दम तोड़ दिया। कुछ दिनों बाद दूसरे बेटे का केंद्रीय अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया।  तीसरा बेटा जो धनबाद के एक निजी क्वारंटीन सेंटर में भर्ती था, वहीं उनकी मौत हो गयी।
फिर 16 जुलाई को कोरोना का कहर परिवार पर टूटा और चौथे बेटे की भी टीएमएच, जमशेदपुर में कैंसर बीमारी के इलाज के दौरान मौत हो गयी। पांचवां बेटा भी धनबाद के कोविड अस्पताल में रेफर करने के बाद रिम्स रांची में भर्ती था, जहां सोमवार 20 जुलाई को उसने अंतिम सांस ली। देखते ही देखते लगभग एक पखबाड़े में एक पूरा परिवार कोरोना के कारण तबाह हो गया।
इस परिवार पर कोरोना के कारण आयी ऐसी को जो भी सुन रहा है उसका कलेजा फटा जा रहा है। लोग कह रहे हैं कि परिवार की खुशियों को किसी की नजर लग गयी। पिछले महीने जून में ही इस परिवार में कितनी रौनक थी। शादी की शहनाई गूंज रही थी।  हंसता-खेलता परिवार शादी की खुशियों से सराबोर था।
26 जून को परिवार की सबसे बुजुर्ग 88 वर्षीय महिला अपने पोते की शादी में शामिल होने के लिए दिल्ली से आई थी, वह वहां अपने बेटों के साथ रह रही थीं। 27 जून को कतरास शहर के राजस्थानी धर्मशाला में धूमधाम से शादी हुई, पूरा परिवार इसमें शामिल हुआ। दूल्हे-दुल्हन को खुशहाल जीवन का आशीर्वाद दिया। लेकिन अगले ही दिन वृद्ध महिला की तबियत बिगड़ गई और उन्हें चास स्थित नीलम नर्सिंग होम भर्ती कराया गया। यहीं से परिवार पर आफत की शुरुआत हुई।
वृद्ध महिला का इलाज के दौरान 4 जुलाई को मौत हो गयी। मृत वृद्ध महिला का स्वाब लेने के बाद  शव को परिजनों को सौंप दिया गया और परिजनों ने उनका दामोदर नदी तट पर अंतिम संस्कार कर दिया। दूसरे दिन उस  वृद्ध  महिला का स्वाब रिपोर्ट पॉजिटिव आयी तो शादी समारोह में शामिल होने वाला हर कोई दहशत से भर गया। वृद्ध महिला की मौत के बाद आनन-फानन में परिवार के सभी सदस्यों की पूर्ण जांच कराई गई। महिला के चार बेटों समेत परिवार के 10 सदस्य पॉजिटिव पाए गए। एक-एक करके उनकी तबियत बिगड़ती गई। उन्हें इलाज के लिए कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया गया।
10 और 11 जुलाई को महिला के दो बेटों की धनबाद में और 12 जुलाई को तीसरे को रांची रिम्स में मौत हो गई। तीनों की 4 दिन बाद 16 जुलाई को चौथे बेटे ने जमशेदपुर में अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस तरह पूरा परिवार काल के गाल में समा गया और कतरास समेत पूरे झारखंड के चर्चा का विषय बन गया। वही मुहल्ले वालों ने इस दुःखी परिवार के ऊपर सांत्वना जताते हुए सरकार से इस परिवार को मदद करने की गुहार लगाई है।
जो कोई भी इस घटना के बारे में सुन रहा है, वो कोरोना को कोस रहा है और पीड़ित परिवार के लिए शोक संतप्त है। जहां पहले 88 साल की मां और फिर उसकी अर्थी को कंधा देने वाले उसके पांच बेटों को कोरोना ने लील लिया। छठे बेटे की हालत नाजुक बतायी जा रही है।  वहीं परिवार के कुछ अन्य सदस्य की तबियत भी खराब होने की खबर है।
ऐसे में कोरोना को हलके में लेने वाले लोगों को यह बात समझ आ जानी चाहिए कि यह बहुत खतरनाक है। इसकी चपेट में आ जाने पर पूरे के पूरे परिवार भी तबाह हो सकते हैं। जो लोग लॉकडाउन में ढ़ील दिए जाने से लापरवाह हो गए हैं उन्हें इस दिल दहला देने वाली घटना से सबक सीखना चाहिए।

 


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