मेरी सरकार रही तो जीवन भर मुफ्त में राशन मिलेगा : ममता बनर्जी

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कोलकाता, 21 जुलाई (हि.स.)।  पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शहीद दिवस की वर्चुअल रैली के जरिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा प्रहार किया है। इसके साथ ही अगले साल आसन्न विधानसभा चुनाव में लोगों को लुभाने के लिए बड़ी घोषणाएं भी की हैं। ममता ने कहा है कि अगर उनकी सरकार बनी तो लोगों को जीवन भर मुफ्त में राशन देती रहेंगी।

शहीद दिवस के उपलक्ष्य में अपराहन 2:00 बजे के करीब सीएम ने कालीघाटी स्थित अपने आवास से वर्चुअल रैली के जरिए राज्यभर के तृणमूल कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर देश भर में डर का माहौल बनाने का आरोप लगाया। ममता ने कहा कि आज ऐसा माहौल है कि देश में कई लोग डर के मारे कुछ नहीं बोलते हैं।
एनआरसी को भूले नहीं हैं
उन्होंने एक बार फिर एनआरसी का मुद्दा उठाने की चेतावनी दी। ममता ने कहा कि हम लोग एनआरसी को भूले नहीं हैं, ना ही दिल्ली की लड़ाई को भूले हैं। इसे भूलेंगे भी नहीं। उन्होंने अम्फन चक्रवात को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने चक्रवात के बाद दया कर एक घंटे का समय निकाला था और 1000 करोड़ रुपये का अनुदान दिया था। उस रुपये को हम लोगों ने उसी समय खर्च कर दिया था।
राशन और अन्य सामग्री वितरण में भ्रष्टाचार के लग रहे आरोपों पर सफाई देते हुए ममता ने कहा कि जो लोग वास्तविक तौर पर चक्रवात प्रभावित हैं, उन्हें निश्चित तौर पर सहायता मिलेगी। उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सत्ता में है इसीलिए देश को धमका रहे हैं, एनकाउंटर करने की धमकी देते हैं। कहीं हिंसा करने के बाद करते हैं। पश्चिम बंगाल में ममता सरकार का तख्तापलट करने के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आह्वान पर पलटवार करते हुए ममता ने कहा कि बाहरी लोग बंगाल को कभी नहीं चलाएंगे।
बंगाल में कोरोना हालात सामान्य
सीएम ने यह भी दावा किया कि राज्य में कोरोनावायरस का संक्रमण बहुत अधिक नहीं है। उन्होंने आंकड़े का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य में जितने भी मरीज हैं उनमें से 87 फ़ीसदी में कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखे थे। केवल 8 फ़ीसदी लोगों में लक्षण उजागर हुए थे। 5 फ़ीसदी लोगों की हालत गंभीर है। इसके अलावा यहां रिकवरी रेट 60 फ़ीसदी है। इसलिए चिंता करने की जरूरत नहीं है।
यूपी से बेहतर है बंगाल
 उन्होंने भाजपा के शासन वाले उत्तर प्रदेश से बंगाल की तुलना करते हुए कहा कि आज भाजपा वाले कहते हैं कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था नहीं है, लेकिन उन्हें ऐसा कहने का कोई अधिकार नहीं। वह अपने शासन वाले उत्तर प्रदेश राज्य को देखें। वहां जंगलराज भी फेल है।
ममता ने कहा कि वहां हालात इतने बदतर हैं कि अपराधी एफआईआर करने से पहले पीड़ित को मार डालते हैं। दिल्ली की सत्ता पर बैठे लोग षड्यंत्र करके बंगाल को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ सीटें मिल गई हैं तो गुंडागर्दी कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि पूरी दुनिया पर राज कर लेंगे। हिंसा करते हैं, दंगा करते हैं, षड्यंत्र करते हैं यह नहीं चलेगा। ममता ने यह भी दावा किया कि 2021 में राज्य में उन्हीं की सरकार बनेगी। उन्होंने तृणमूल कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि अगले साल 21 जुलाई की जनसभा और बड़े पैमाने पर करेंगे क्योंकि लोगों का बड़े पैमाने पर आशीर्वाद उन्हें मिलेगा।
शहीद दिवस का इतिहास
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को संकट के समय लोगों के हित में काम करने की नसीहत दी और कहा कि अब समय जनसंपर्क का है। उल्लेखनीय है कि 1993 में 21 जुलाई को ही तत्कालीन कांग्रेसी युवा अध्यक्ष ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य सचिवालय का घेराव हुआ था। तब वाम मोर्चा का शासन था और सचिवालय के पास पहुंचे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने फायरिंग की थी, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई थी। उसके बाद ही हर साल ममता शहीद दिवस कार्यक्रम मनाती हैं।
हालांकि फायरिंग करने वालों के खिलाफ आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। यहां तक कि उस समय ममता की जान बचाने वाले कई पुलिसकर्मियों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी थी। उनके उस समय के समर्थक आज ट्रेनों में सामान बेचकर गुजर बसर करते हैं। शहीदों के परिवारों को भी बहुत अधिक मदद नहीं मिली जबकि हर साल शहीद दिवस के बहाने ममता अपना शक्ति प्रदर्शन करती हैं और अपनी राजनीतिक रणनीति भी घोषित करती हैं।

 


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