राजस्थान के सियासी संकंट के नौवें दिन पूर्व मुख्यमंत्री राजे की एंट्री

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जयपुर, 18 जुलाई (हि.स.)। राजस्थान में चल रहे सियासी संकंट के नौवें दिन शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने ट्वीट कर कांग्रेस पर भाजपा और भाजपा नेतृत्व पर दोष लगाने के प्रयास का आरोप लगाया है। अब तक राजे इस पूरे मामले में मौन थी। वहीं भाजपा की बैठकों से भी दूरी बनाए हुए थी।
पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस के आंतरिक कलह का नुकसान आज राजस्थान की जनता को उठाना पड़ रहा है। ऐसे समय में जब हमारे प्रदेश में कोरोना से 500 से अधिक मौतें हो चुकी हैं और करीब 28 हजार लोग कोरोना संक्रमित हैं। हमारे किसानों के खेतों में टिड्डी लगातार हमले कर रही है। प्रदेश में महिलाओं अपराध ने सीमाएं लांग दी है। प्रदेश में बिजली समस्या चरम पर है। उन्होंने कहा कि यह कुछ ही समस्याएं बता रही हूं। कांग्रेस भाजपा और भाजपा नेतृत्व पर दोष लगाने का प्रयास कर रही है। सरकार के लिए सिर्फ और सिर्फ जनता का हित सर्वोपरि होना चाहिए। कभी तो जनता के बारे में सोचिए।
राजस्थान के सियासी संकट से अब तक पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने दूरी बना रखी है। पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पालयट ने राजे के बंगले को लेकर सवाल उठाए थे। इस पर राजे के समर्थक विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल और विधाक प्रतापसिंह सिंघवी ने बंगला आंवटन को लेकर राजे का बचाव किया था। मेघवाल ने कहा है कि वसुन्धरा राजे हमारी नेता है, अगर पार्टी की बैठक होती है तो मैं लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को गिराने के प्रयास की खिलाफत करूंगा। भाजपा चाल चरित्र और नैतिकता वाली पार्टी है ऐसे में हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए सरकार गिराने की हो रही साजिश को मैं सही नहीं मानता हूं।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पूरे प्रकरण में सोशल मीडिया यूजर के निशाने पर भी रही थी। दो दिन पहले गहलोत वसुंधरा गठजोड़ ट्वीटर पर ट्रेंड में रहा। यूजर ने मुख्यमंत्री गहलोत और राजे की भूमिका को लेकर खूब टिप्पणीयां की थी।
इस मामले में सबसे ज्यादा मुखर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल रहे हैं। वसुंधरा राजे से बेनीवाल की पुरानी अदावत है। बेनीवाल ने अपने अधिकारिक ट्वीटर हैंडल से राजे पर निशाना साधते हुए लिखा था- उन्होंने लिखा कि राजे अल्पमत वाली अशोक गहलोत सरकार को बचाने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस पार्टी में उनके करीबी विधायकों से वे लगातार संपर्क में है। उन्होंने यह दावा भी किया कि राजे ने सीकर और नागौर जिले के एक-एक जाट विधायक को फोन कर पायलट खेमे में नहीं जाने की सलाह दी है। इसका उनके पास पुख्ता प्रमाण है। हालांकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सांसद बेनीवाल के ट्वीट के मामले में कहा था कि उनसे बात की गई है और उनसे गठबंधन धर्म निभाने को कहा गया है।

 


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