विकास दुबे मुठभेड़: सेवानिवृत न्यायमूर्ति एसके अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोग गठित
लखनऊ, 12 जुलाई (हि.स.)। योगी सरकार ने चर्चित विकास दुबे मुठभेड़ मामले में एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। सेवानिवृत न्यायमूर्ति इस मामले की जांच करेंगे।
न्यायमूर्ति शशि कांत अग्रवाल की अध्यक्षता में यह एकल सदस्यीय आयोग जांच पूरी कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगा। आयोग को आज अधिसूचना जारी किए जाने की तारीख से दो माह की अवधि के भीतर अपनी जांच पूरी करनी होगी। इसकी अवधि में किसी प्रकार का परिवर्तन सरकार के आदेश से किया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने कहा है कि विकास दुबे तथा उसके साथियों के द्वारा 02-03 जुलाई को कानपुर बिकरू कांड एवं 10 जुलाई की घटना और इस अवधि के दौरान इस प्रकरण से सम्बन्धित विभिन्न स्थानों पर पुलिस और अपराधियों के मध्य हुई मुठभेड़ एक लोक महत्व का विषय है। इसलिए इसके सम्बन्ध में जांच करना आवश्यक है।
इसलिए राज्य सरकार द्वारा आज जारी अधिसूचना के माध्यम से जांच आयोग अधिनियम 1952 (अधिनियम संख्या 60 सन् 1952) की धारा 3 के तहत सेवानिवृत न्यायमूर्ति शशि कांत अग्रवाल के नेतृत्व में एकल सदस्यीय जांच आयोग गठित करने का निर्णय किया गया है। इस आयोग का मुख्यालय कानपुर में होगा।
सरकार के मुताबिक आयोग इन बिन्दुओं से सम्बन्धित किसी अन्य पहलू का भी गहनता से परीक्षण करेगा। इसके अलावा आयोग राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर निर्दिष्ट अन्य बिन्दुओं की भी जांच करेगा।
इससे पहले प्रदेश सरकार ने शनिवार को विकास दुबे प्रकरण की जांच के लिए अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) का गठन किया है। अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा तथा पुलिस उपमहानिरीक्षक जे. रवीन्द्र गौड़ को एसआईटी का सदस्य नामित किया गया है। विशेष अनुसंधान दल प्रकरण घटना से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं की गहन अभिलेखीय, स्थलीय जांच सुनिश्चित करते हुए 31 जुलाई, तक अपनी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराएग। इसमें इस शातिर अपराधी के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की जांच का बिन्दु नहीं शामिल है।
इसी कड़ी में रविवार को की एसआईटीम टीम बिकरू गांव पहुंची। साथ में प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने बताया कि विकास दुबे की सम्पत्तियों की जांच होगी।
एसआईटी इस बात की जांच करेगी कि अभियुक्त विकास दुबे के विरुद्ध जितने भी मुकदमे दर्ज हैं उन पर अब तक क्या प्रभावी कार्यवाही की गयी। विकास एवं उसके साथियों के मोबाइल के पिछले एक वर्ष के सीडीआर का परीक्षण करना एवं उसके सम्पर्क में आये सभी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध संलिप्तता की साक्ष्य मिलने की दशा में उपयुक्त एवं कड़ी कार्यवाही करने की अनुशंसा करना भी जांच में शामिल होगा।
टीम विकास दुबे एवं उसके साथियों के द्वारा अवैध रूप से अर्जित सम्पत्ति, व्यापारों एवं आर्थिक गतिविधियों की भी जांच पड़ताल करेगी। इसके अलावा अभियुक्तों व उसके साथियों के साथ पुलिस कर्मियों की संलिप्तता तथा अभियुक्तों व उसके फाइनेन्सर्स की सम्पत्तियों व आय के स्रोतों की जांच प्रवर्तन निदेशालय तथा आयकर विभाग से कराने पर भी अपनी उचित राय देगी।