डीआरडीओ ने 12 दिन में बनाया देश का सबसे बड़ा कोविड अस्पताल

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गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ ने देखीं तैयारियां गलवान घाटी में शहीद जवानों के पर रखे गए वार्डों के नाम



नई दिल्ली, 05 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 12 दिन के रिकॉर्ड समय में निर्मित 1,000 बिस्तर वाले सरदार वल्लभभाई पटेल कोविड अस्पताल का रविवार को दौरा किया। इस केंद्र में 250 से अधिक गहन चिकित्सा इकाइयांं (आईसीयू) उपलब्ध हैं। देश के सबसे बड़े इस कोविड अस्पताल में वार्डों के नाम गलवान घाटी में शहीद जवानों के नाम पर रखे गए हैं। अस्पताल के आईसीयू वार्ड का नाम गलवान में शहीद भारत के आर्मी ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू के नाम पर रखा गया है।
दिल्ली में अचानक कोरोना के केस बढ़ने पर लोगों की तत्काल आवश्यकता की पूर्ति के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने नई दिल्ली डोमेस्टिक टर्मिनल टी -1 के पास सरदार वल्लभभाई पटेल कोविड अस्पताल के नाम से 1,000 बेड का अस्पताल तैयार किया है। जिला प्रशासन से रेफर किए जाने वाले कोविड-19 रोगियों का इलाज यहां किया जाएगा। यह अस्पताल रोगियों के लिए पूरी तरह से चिकित्सा ऑक्सीजन गैस, पीपीई किट, वेंटिलेटर, कोविड परीक्षण सुविधा और अन्य प्रयोगशाला परीक्षणों जैसी सुविधाओं से सुसज्जित है।
अस्पताल का दौरा करते समय डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को बताया कि अस्पताल का संचालन सशस्त्र बलों की चिकित्सा सेवाओं के डॉक्टरों, नर्सों और सहायक कर्मचारियों की टीम द्वारा किया जाएगा। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि डीआरडीओ, गृह मंत्रालय, टाटा संस उद्योग और कई संगठनों के सहयोग से कोविड रोगियों के लिए 1,000 बेड वाले अस्थायी अस्पताल की स्थापना केवल 12 दिनों में की गई है। यहां विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशा-निर्देशों के अनुसार 250 से अधिक गहन देखभाल इकाइयांं उपलब्ध हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि अभी के लिए अस्पताल के बिस्तरों की कोई कमी नहीं है। हमारे पास 15 हजार से अधिक बिस्तर हैं, जिनमें से 5300 पर मरीज हैंं। दिल्ली सरकार के पास आईसीयू बेड की कमी है। यदि कोविड के मामलों में कोई बढ़ोत्तरी होती है तो ये आईसीयू बेड हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे। लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. माधुरी कानिटकर ने बताया कि अस्पताल मेंं डॉक्टरों, नर्सिंग अधिकारियों और पैरामेडिकल स्टाफ सहित सेना के 600 जवानों की एक टीम तैनात है।
डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने बताया कि यह अस्पताल मरीजों के लिए सभी सुविधाओं से सुसज्जित है और साथ ही सेना के जवान अपनी सेवाएं 24 घंटे अपनी सेवाएं देंगे। अस्पताल निर्माण के लिए एक कचरा डंपिंग भूमि को समतल और साफ़ किया गया। उन्होंने बताया कि डीआरडीओ ने कोविड के खिलाफ लड़ने के लिए अब तक 70 मेड इन इंडिया उत्पादों का निर्माण किया है। अगर जरूरत पड़ी तो हम हर महीने करीब 25,000 वेंटिलेटर का निर्माण कर सकते हैं। हम उन्हें निर्यात करने के लिए भी तैयार हैं।

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