अर्द्धसैनिकों बलों में दम दिखा सकते हैं ‘ट्रांसजेंडर’, गृह मंत्रालय कर रहा है विचार

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नई दिल्ली, 02 जुलाई (हि.स.)। गृह मंत्रालय महिला और पुरुष के साथ ही अर्द्धसैनिक बलों में तीसरे जेंडर के रूप में ट्रांसजेंडर को भी शामिल करने पर विचार कर रहा है। इसके लिए मंत्रालय ने आईटीबीपी, बीएसएफ, एसएसबी और सीआरपीएफ से विस्तृत सलाह मांगी है। चर्चा है कि गृह मंत्रालय का यह ड्राफ्ट अमल में आ जाता है तो चीन से लगे बॉर्डर पर भारत के ट्रांसजेंडर ऑफिसरों की तैनाती की जाएगी।
आईटीबीपी भारत और चीन के साथ सटी सीमा पर निगरानी का जिम्मा संभालती है। इसके साथ ही देश की पश्चिमी बॉर्डर पर पाकिस्तान की सेना के साथ भी वह मुकाबला करेगा। इतना ही नहीं देश के अंदरुनी हिस्सों में माओवाद के खिलाफ जंग में भी थर्ड जेंडर के सदस्य महत्वपूर्ण रोल निभाएंगे। गृह मंत्रालय ने इस मामले पर सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। गृह मंत्रालय के अनुसार इस बाबत रिपोर्ट आने के बाद इनकी नियुक्ति प्रक्रिया में समुचित संशोधन किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि जन्म से शारीरिक तौर पर पूर्ण पुरुष या नारी न होने वाले व्यक्ति को उभयलिंगी या ट्रांसजेंडर या फिर थर्डजेंडर कहा जाता है। आईटीबीपी, बीएसएफ, एसएसबी और सीआरपीएफ गृह मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले सुरक्षाबल हैं। देश के अहम रणनीतिक ठिकानों पर इनकी तैनाती की जाती है। इन बलों में थर्ड जेंडर के लोगों को शामिल करना उनके सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।

 


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