एनजीटी ने कानपुर के पनकी थर्मल पावर प्लांट से प्रदूषण की जांच के लिए बनाई कमेटी

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एनजीटी ने कानपुर में पावर प्लांट से प्रदूषण का आरोप लगाने वाली याचिका पर रिपोर्ट मांगी



नई दिल्ली, 02 जुलाई (हि.स.)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने कानपुर के पनकी थर्मल पावर प्लांट से हो रहे वायु और जल प्रदूषण की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कमेटी को दो महीने में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। इस मामले पर अगली सुनवाई 9 नवंबर को होगी।
कानपुर निवासी पवन कुमार तिवारी ने दायर याचिका में कहा है कि कानपुर के पनकी थर्मल पावर प्लांट से वायु और जल प्रदूषण हो रहा है। इससे आसपास के लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर बुरा असर पड़ रहा है। पनकी थर्मल पावर प्लांट 1977 में स्थापित किया गया था। 2017 में इस प्लांट का विस्तार किया गया था। एनजीटी ने पनकी थर्मल प्लांट से हो रहे वायु और जल प्रदूषण की चांज के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में पर्यावरण और वन मंत्रालय के लखनऊ के क्षेत्रीय अधिकारी, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का एक प्रतिनिधि, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का एक प्रतिनिधि और कानपुर ग्रामीण के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट शामिल होंगे। एनजीटी ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस कमेटी की नोडल एजेंसी होगी।

 


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