अब मांझी जी जाने की नाव कहां लेकर जाएंगे

0

पटना,30 जून (हि स)। बिहार में चुनाव के करीब आने की खबर के बाद से राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति बनानी शुरु कर दी है। कोई सीट के लिए संगठन में दबाव बना रहा है तो कोई जातिय आधार पर सत्ता को हासिल करने की सोच रहा है। इसमें राष्ट्रीय दलों की स्थिरता में क्षेत्रीय दल अपनी जोर आजमाईश कर रहे हैं और उनको भी सम्मानजनक स्थान मिले पार्टी में इसके लिए कोई चाल चलने से बाज नहीं आ रहे हैं।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इन दिनों महागठबन्धन से नाराज हैं।  गोपालगंज मार्च से लेकर एससी/एसटी विधायकों को गोलबंद करने वाले मुद्दे पर तेजस्वी यादव से मांझी अपनी नाराजगी जता रहे हैं। दांत दिखाने के बहाने दिल्ली जाकर सोनिया दरबार मे गुहार भी लगा चुके हैं। दिल्ली से लौटते ही आनन फानन में बैठक भी बुला ली, लेकिन नतीजा फिर तेवर पर जाकर खत्म हो गया। मांझी के तेवर में इतना जोर नहीं कि तेजस्वी का कुछ बिगाड़ सकें। अब तो अपने ही दल के नेताओं ने कह दिया है कि मांझी जी जाने की नाव कहां लेकर जाएंगे। नीतीश जी ने इन्हें सीएम बनवाया था उनसे भी बात कर चुके हैं, पता नहीं बात कहां तक पहुंची, लेकिन इनके उदासीन चेहरे से प्रतीत होता है कि इनको अभी और जोर लगाने की जरुरत है।

 


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *