अमेरिका में कोरोना के हालात देखकर लौटे आशुतोष ने कहा-भारत बेहतर देश

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नागपुर, 25 जून (हि.स.)। कोरोना महामारी (कोविड-19) के चलते लगाए गए लॉकडाउन की वजह से अमेरिका में फंसे भारतीयों को बीते सप्ताह ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत पुणे लाया गया था। इनमें मल्टी नेशनल कंपनी में सेवारत आशुतोष जोशी भी शामिल हैं। भारत पहुंच कर यहां की व्यवस्था देखने के बाद जोशी ने बताया कि पश्चिमी जगत की तुलना में भारत के प्रधानमंत्री मोदी सक्षम नेता हैं और भारत एक बेहतर देश है।

फिलहाल 14 दिनों के लिए एकान्तवास किए गए जोशी ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वह चार माह पहले कार्यालय के कार्य से अमेरिका गए थे। शुरुआती दिनों में वह लॉस वेगॉस में स्थित कंपनी के दफ्तर में जाकर काम करते रहे। उसके बाद कोरोना महामहारी का संकट गहराता गया। नतीजतन उन्हें अपने घर पर कैद होकर रहना पड़ा। इस दौरान उन्होंने अमेरिका के समाज और वहां की व्यवस्थाओं को नजदीक से देखा।
बतौर जोशी अमेरिका एक वातानुकूलित बुरे स्वप्न की तरह है। वहां के लोग अपने नेतृत्व की एक नहीं सुनते और स्वच्छंदता से जीवन जीते हैं। अमेरिकी लोगों में सब्र नाम की चीज नहीं है। नतीजतन वहां कोरोना बुरी तरह से फैला और इतनी अधिक संख्या में मौते हुई। इसके ठीक विपरीत भारत में कोरोना महामारी ने जब पैर फैलाने शुरू किये तब हमारे पास लोगों में बांटने के लिए फेस मास्क तक नहीं थे लेकिन भारत में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई गई जिसके चलते देश में कोरोना से होने वाली मृत्यु दर पर नियंत्रण पाया जा सका। लॉकडाउन के चलते इस महामारी के प्रकोप को भारत में रोका जा सका।
अपने अनुभव साझा करते हुए जोशी ने कहा कि अमेरिका में डेरेक चॉविन नामक पुलिस अधिकारी द्वारा अश्वेत जॉर्ज फ्लॉइड की हत्या के बाद वहां के हालात और भी खराब हो गए। लोगों ने सड़कों पर निकलकर विरोध प्रदर्शन किया। कोरोना संकट काल में इस तरह से लोगों का इकठ्ठा होना बेहद घातक था। इन आंदोलनों के बाद अगले एक महीने पता चलेगा कि वहां कोरोना कितनी हद तक फैला। जोशी ने कहा कि अगर अमेरिका में उत्पन्न हालातों की तुलना भारत से की जाए तो हमारा नेतृत्व और व्यवस्था उनसे बहुत अच्छी दिखाई देती है। भारत में जब कोरोना महामारी का आगाज हुआ तब दिल्ली दंगों की आग में जल रही थी।
असंभव कार्य करके दिखाया
जोशी ने बताया कि वह अब तक कई देशों की यात्रा कर चुके हैं लेकिन काम की व्यस्तता के चलते इससे पहले दुनिया को कभी तुलनात्मक नजर से नहीं देखा था। कोरोना संकट के चलते वह दुनिया को बेहतर तरीके से समझ पाए हैं। प्रबंधन का अच्छा खासा अनुभव रखने वाले आशुतोष जोशी ने बताया कि भारत जैसे विशाल देश को हैंडल करना कोई आसान काम नहीं है। ऐसे में प्रधानमंत्री की अगुवाई में केन्द्र सरकार ने परिस्थिति पर काफी जल्द नियंत्रण प्राप्त किया है। सरकार ने कई मोर्चों पर एक साथ इतना बेहतर काम किया है जिसकी अन्य कोई मिसाल दिखाई नहीं देती। देश में होने वाले आंदोलन, पाकिस्तान, नेपाल और चीन जैसे मुल्कों से एक साथ टकराव, देश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति, प्रवासी मजदूरों की समस्या, विपक्ष के बेबुनियाद आरोप, अम्फान जैसे चक्रवात से बिगड़े हालात इन सबसे एक साथ निपटना अपने आप में एक चमत्कार है।


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