सीबीआई का दिल्ली के थाने में छापा, एसएचओ और दो कांस्टेबल गिरफ्तार

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दो लाख रिश्वत लेने का मामला



नई दिल्ली, 19 जून (हि.स.)। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दो लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में दिल्ली पुलिस के एक एसएचओ और दो कांस्टेबलों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि एक मकान की जमीन के मामले को सुलझाने के लिए रोहिणी जिले के विजय विहार थाने में तैनात एसएचओ एसएस चहल ने कथित तौर पर पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। बाद में दो लाख रुपये देने की बात पर मामला तय हुआ और सीबीआई ने उनके साथ-साथ दो कांस्टेबलों को भी इस मामले में रंगे हाथ धर दबोचा।
सीबीआई प्रवक्ता आरके गौड़ के मुताबिक, एक शख्स रोहिणी के थाना विजय विहार अंतर्गत एक मकान बनवा रहा था। इस दौरान एक दूसरी पार्टी ने उसके प्लॉट पर कब्जा करने की कोशिश की। झगड़ा बढ़ गया तो दोनों पक्ष विजय विहार थाना पहुंच गए। वहां दो सिपाहियों की मार्फत एसएचओ ने इस मामले को सुलझाने के लिए पांच लाख रुपये रिश्वत की मांग की। पीड़ित ने रकम देने में असमर्थता जताई। इसके बाद यह मामला 2 लाख रुपये में तय हुआ। तब भी उस शख्स ने रिश्वत नहीं दी और मामले की शिकायत सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा से कर दी।
सीबीआई ने पहले शिकायत की तहकीकात की। उसके बाद शिकायतकर्ता के साथ मिलकर पुलिसकर्मियों को रंगे हाथ पकड़ने के लिए एक जाल बिछाया। योजना के तहत सीबीआई ने रोहिणी जिले के विजय विहार थाने में छापा मारा। छापा पड़ते ही थानाध्यक्ष एसएस चहल और दो सिपाही बद्री और जितेन्द्र भागने को हुए, लेकिन सीबीआई टीम के अधिकारियों ने तीनों को धरदबोचा। एसएचओ और दोनों कांस्टेबलों के द्वारका स्थित आवासों पर भी छापा मारा गया। इस दौरान अनेक दस्तावेज हाथ लगे हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
शुक्रवार को दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि आरोपित पुलिसकर्मियों को खिलाफ इस मामले में विभागीय कार्रवाई की जा रही है। वहीं बताया जा रहा है कि थानाध्यक्ष एसएस चहल के पास काफी संपत्ति है। इसके अलावा यह बात भी सामने आ रही है कि थानाध्यक्ष के कब्जे से रिकवरी नहीं हुई है। पैसे की रिकवरी सिपाही बद्री और जितेन्द्र से हुई है। मगर सीबीआई ने जो एफआईआर दर्ज की है, वह थानाध्यक्ष एसएस चहल के खिलाफ की है। आरोपित पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।


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