चीन सीमा पर शहीद हुए बंगाल के लाल की इसी महीने में होनी थी शादी, राज्यपाल ने दी श्रद्धांजलि
कोलकाता, 17 जून (हि.स.)। चीन से सटे लद्दाख के गलवान घाटी में हुई झड़प में 24 सैनिक शहीद हुए हैं। उसमें पश्चिम बंगाल का लाल राजेश ओरंग भी शामिल है। वह बीरभूम जिले के मोहम्मद बाजार थाना अंतर्गत बेलघरिया गांव का रहने वाला है। पता चला है कि इसी महीने राजेश की शादी होने वाली थी। इसके लिए सारी तैयारियां पूरी हो गई थी लेकिन इस वीर ने देश के नाम सर्वोच्च शहादत दे दी।
सेना सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि राजेश बिहार रेजीमेंट के जवान थे। गलवान घाटी में कुछ दिनों पहले ही बिहार रेजीमेंट में तैनाती हुई थी। वहां नेटवर्क की दिक्कत होने की वजह से परिवार के लोगों से बातचीत नहीं हो पाती थी। राजेश के पिता किसान हैं। परिवारिक सूत्रों ने बताया कि राजेश ने कभी भी अपने परिवार को एलएसी पर तनाव के बारे में जानकारी नहीं दी थी ताकि कोई चिंता में ना पड़े। इसके अलावा भारत-चीन सीमा पर पहले कभी गोलीबारी नहीं हुई थी जिसकी वजह से उन्हें भी इस बात की आशंका शायद नहीं थी कि इस तरह से चीनी सैनिक धोखा दे सकते हैं। ओरांग की दो बहने हैं जिनमें से एक की शादी हो गई है और राजेश की शादी के बाद ही दूसरी बहन की शादी होनी थी। सेना सूत्रों ने बताया कि बुधवार को ही राजेश के परिवार को उनका शव सौंप दिया जाएगा। उनके पैतृक आवास पर ही अंतिम संस्कार होगा। उनकी शहादत की खबर सुनकर पूरे गांव का माहौल गमगीन है।
इधर राजेश की शहादत पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने दुख व्यक्त किया है। उन्होंने बुधवार को दो ट्वीट किया है। पहले में उन्होंने लिखा है कि गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला अंतर्गत मोहम्मद बाजार थाना क्षेत्र के बेलघरिया गांव के राजेश ओरांग ने देश के नाम सर्वोच्च शहादत दी है। उनके परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। पूरा देश इस संकट के समय में उनके साथ खड़ा है। चीनी सैनिकों को इसका करारा जवाब दिया गया है और यह बेकार नहीं जाएगा। देश की अखंडता एकता के लिए शहीदों की शहादत के सामने राष्ट्र हमेशा ऋणी रहेगा। हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि सैनिकों की सजगता की वजह से ही हम अपने घरों में आराम से रह रहे हैं।