मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराने में उप्र देश में पहले स्थान पर

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राज्य में 57.12 लाख श्रमिक मनरेगा कार्य से जुड़कर पा रहे रोजगार



लखनऊ, 15 जून (हि.स.)। प्रदेश में विभिन्न विकास परियोजनाओं के जरिए योगी सरकार कामगारों को रोजगार मुहैया कराने में जुटी है। खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार दिलाने के विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। इसमें मनरेगा के जरिए पूरे देश में सबसे ज्यादा काम उत्तर प्रदेश में लोगों को मिला है।
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने सोमवार को बताया कि मनरेगा के तहत प्रदेश में 57,12,975 श्रमिकों को रोजगार मिला है जो, वर्तमान में देश में सर्वाधिक है। इसके बाद राजस्थान, आन्ध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, उड़ीसा और कर्नाटक हैं। उन्होंने बताया कि पहले राजस्थान सबसे आगे था। लेकिन अब उत्तर प्रदेश ने उसे पीछे छोड़कर पहला स्थान हासिल कर लिया है। मुख्यमंत्री ने रोजगार की संख्या और बढ़ाने के निर्देश दिये हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश की 58,906 ग्राम पंचायतों में से 56,981 ग्राम पंचायतों में 57,12,975 अनस्कील्ड लेबर कार्य कर रहे हैं, जो सम्पूर्ण देश का 18 प्रतिशत है। यह देश में अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 7.93 करोड़ मानव दिवस सृजित करते हुए 1633.39 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा 41,750 करोड़ रुपये की लागत की कुल 3083 परियोजनाएं प्रारम्भ कर दी गयी हैं, जिसमें 41,468 श्रमिक कार्यरत हैं। इसके साथ ही प्रदेश में 20 अप्रैल से अब तक सी ऐंड डीएस के 354 प्रोजेक्ट में 6,584 श्रमिक, अमृत योजना के 128 परियोजनाओं में 3,711 श्रमिक तथा हाउसिंग बोर्ड,विकास प्राधिकरणों व मेट्रो की 444 परियोजनाओं में 9916 श्रमिक कार्य कर रहे हैं। इस प्रकार कुल 926 परियोजनाओं में 20,211 श्रमिक कार्य कर रहे हैं।

 


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