आपदा को अवसर में बदलने और निवेश करने का ये सही समय: प्रधानमंत्री

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नई दिल्‍ली, 11 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) को संबोधित करते हुए कहा कि आपदा को अवसर में बदलने और निवेश का यही समय है। देश के विकास में आईसीसी की भूमिका की सराहना करते हुए पीएम ने आत्मनिर्भर भारत बनाने पर जोर दिया। पीएम ने कहा कि दूसरे देशों पर निर्भरता कम करना ही आत्‍मनिभर्र भारत अभियान का मकसद है। मोदी ने कहा कि आपदा के वक्‍त में ही हमें इसका फायदा उठाना है। कोविड-19 की क्राइसिस ने हमें आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में तेजी से काम करने का अवसर दिया है।

वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए आईसीसी के 95वें सालाना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने गुरुवार को कहा कि मैन्युफैक्चरिंग में बंगाल की ऐतिहासिक श्रेष्ठता को हमें पुनर्जीवित करना होगा। मोदी ने कहा कि आईसीसी का भारत के विकास में बड़ा योगदान है। देश के सामने आज बड़ी चुनौतियां हैं, जिसे सभी को मिलकर लड़ना होगा। मोदी ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का निर्णय जूट कारोबार के लिए फायदेमंद है।

पीएम ने कहा कि आईसीसी 95 साल से देशसेवा करता आ रहा है। मुसीबत की एक ही दवा है मजबूती। हमें आपदा को अवसर में परिवर्तित करना है। क्‍योंकि हार मान लेने वालों को मौका नहीं मिलता। जीत की कोशिश से ही नया मौका मिलता है। मोदी ने कोविड-19 की पैकेज को लेकर उद्यमियों से कहा कि उनकी पांचों उंगलियां घी में हैं। सरकार ने एमएसएमई के लिए पैकेज की घोषणा की है। पीएम ने कहा कि कोरोना के अलावा और भी संकट सामने हैं, जो हमारी इच्छाशक्ति की आगे की राह खोलती है और हम एकजुट होकर हर संकट से निपटेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भरता का पाठ परिवार से शुरू होता है। स्वदेशी सामानों का इस्तेमाल बढ़ाना है। विदेशी सामानों पर निर्भरता कम करनी होगी। लोकल के लिए वोकल होने का बनना ही होगा। उन्‍होंने कहा कि हमने किसानों को सच्ची आजादी दी। उपज कहीं भी बेचने की आजादी मिली है। आयात घटाना है और चीजों को खुद बनाना है। उन्‍होंने कहा कि कोरोना के साथ लड़ाई में देश पीछे नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट देश के लिए टर्निंग प्‍वाइंट है। आत्मनिर्भर भारत से ही यह संभव हो सकता है।

मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का बताया मार्ग पोस्ट कोविड वर्ल्ड में भारत की प्रेरणा है। किसानों और ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था के लिए जो निर्णय हाल में हुए वो गुलामी से मुक्त करने वाला है। उन्‍होंने कहा कि सिक्किम की तरह पूरा नॉर्थ ईस्ट ऑर्गेनिक कैपिटल बन सकता है। उन्‍होंने कहा कि हमें पैरों पर खड़ा होना सीखना ही होगा। भारत बड़ा निर्यातक कैसे बने यह सोचना होगा। एमएसएमई का दायरा सरकार ने बढ़ाया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में इच्छाशक्ति हमारी बहुत बड़ी ताकत है। मुसीबत की एक ही दवाई है मजबूती। मोदी ने कहा कि हम मुश्किलों से कितनी मजबूती से लड़ रहे हैं। यह आने वाले अवसरों को तय करता है। मन के हारे हार, मन के जीते जीत यानी हमारी इच्छाशक्ति ही हमारा आगे का मार्ग तय करती है। बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री ने 2 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की एजीएम में भाग लिया था।

 


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