सीबीआई ने यादव सिंह और उसके सहयोगियों के खिलाफ दाखिल की तीन चार्जशीट

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नोएडा प्राधिकरण भ्रष्टाचार मामला



नई दिल्ली, 10 जून (हि.स.)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह और उसके सहयोगियों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने और नोएडा प्राधिकरण को वित्तीय नुकसान पहुंचाने के आरोप में तीन चार्जशीट दाखिल की है। सीबीआई ने कहा है कि यादव सिंह ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर एक इंजीनियरिंग कंपनी को इलेक्ट्रिकल वर्क के करोड़ों रुपये के अवैध तरीके से टेंडर दिए थे।

सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश (सीबीआई मामले) गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) की अदालत में तीनों आरोप पत्र दायर किए हैं। पहली चार्जशीट में नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन मुख्य अभियंता यादव सिंह, जावेद अहमद और उसकी गुल इंजीनियरिंग कंपनी समेत 13 इंजीनियरों को आरोपित बनाया गया है। दूसरे आरोप पत्र में यादव सिंह समेत 12 लोगों के नाम हैं, जबकि तीसरी चार्जशीट में सीबीआई ने यादव सिंह समेत 11 लोगों को आरोपित बनाया है।

सीबीआई प्रवक्ता के अनुसार, यादव सिंह के इशारे पर वर्ष 2007 से लेकर 12 तक जावेद अहमद की गुल इंजीनियरिंग कंपनी को इलेक्ट्रिकल वर्क के करोड़ों रुपये के टेंडर गलत तरीके से छोड़े गए थे। इसमें जावेद अहमद और यादव सिंह समेत शामिल लोगों ने घोटाला किया था। वर्ष 2014 में भी यादव सिंह के इशारे पर जावेद अहमद की गुल इंजीनियरिंग कंपनी को करोड़ों के टेंडर दिए गए थे।

उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने 30 जुलाई, 2015 को 1000 करोड़ रुपये के टेंडर घोटाले में यादव सिंह समेत 11 लोग और 3 कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसके बाद 3 फरवरी, 2016 को यादव सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच के बाद यादव सिंह, उसके बेटे सनी यादव और पत्नी कुसुमलता, पुत्रवधू श्रेष्ठा सिंह और दोनों बेटियों के खिलाफ भी आय से अधिक संपत्ति के मुकदमे दर्ज किए गए। केबल घोटाले का भी यादव सिंह और उसके सहयोगियों के खिलाफ सीबीआई ने 17 जनवरी, 2018 में मुकदमा दर्ज किया था। साथ ही कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी थी। तीनों मुकदमे अभी न्यायालय में विचाराधीन हैं।

इसके अलावा सीबीआई ने इलाहाबाद हाई कोर्ट और लखनऊ खंडपीठ के आदेश पर दो और मामले दर्ज किए हैं। लेकिन बुधवार को सीबीआई मामले के विशेष न्यायाधीश गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) की अदालत में सीबीआई ने जो तीन आरोप-पत्र दायर किए हैं, ये आईपीसी की धारा 120-बी आर / डब्ल्यू 420, धारा 13 (2) आर / डब्ल्यू 13 (1) (डी) सहित अधिनियम के तहत दर्ज मामले से संबंधित हैं। इस पर कोर्ट ने खबर लिखने तक दाखिल चार्जशीटों पर कोई संज्ञान नहीं लिया है।

 


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