ब्रिटेन में कोविड-19 कर्ज की मांग लगभग 35 अरब पाउंड

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नई दिल्ली, 9 जून (हि.स.)। कोरोना वायरस संकट से जूझ रही कंपनियों के लिए तीन आपातकालीन ऋण कार्यक्रमों के तहत ब्रिटिश कारोबारियों ने लगभग 35 अरब पाउंड (44 अरब डॉलर) का उधार लिया है। छोटी कंपनियों के लिए 100% राज्य समर्थित योजना के लिए सबसे ज्यादा मांग है।

हाल ही में उधारदाताओं द्वारा चेतावनी के बाद कि कोविड लॉकडाउन की मार झेल रही कंपनियों के लिए कुछ उधार टिकाऊ साबित नहीं हो सकते हैं, ट्रेजरी ने कहा कि बाउंस बैक लोन स्कीम (BBLS) के तहत कुल उधार 31 मई के 21.3 अरब पाउंड से बढ़कर 7 जून तक 23.8 बिलियन पाउंड तक पहुंच गया। जो कि पिछले सप्ताह की तुलना में थोड़ा कम है।

50,000 पाउंड तक का ऋण देने वाली बीबीएलएस योजना को मई में इन संकेतों के बाद लॉन्च किया गया था कि अन्य ऋण योजनाएं धीमी प्रगति कर रही थीं। 5 मिलियन पाउंड तक के ऋण के लिए 80% सरकारी गारंटी प्रदान करने वाली कोरोना वायरस बिज़नेस इंटरप्रेशन लोन स्कीम को मार्च में शुरू किया गया था। यह एक सप्ताह पहले 8.9 अरब पाउंड से बढ़कर 9.6 अरब पाउंड तक पहुंच गई।

वित्त मंत्रालय ने कहा कि इसकी नौकरी सब्सिडी योजना जो अस्थायी रूप से अवकाश पर भेजे गए कर्मचारियों के वेतन का 80% भुगतान करती है, अब 8.9 मिलियन श्रमिकों को कवर करती है। एक सप्ताह पहले यह संख्या 8.7 मिलियन से ऊपर था, जिसकी लागत 19.6 अरब पाउंड थी। स्व-नियोजित लोगों के लिए एक अलग योजना के तहत 7.5 अरब पाउंड के लिए 2.6 मिलियन दावे मिले थे।

पिछले हफ्ते ब्रिटेन के बजट वॉचडॉग ने अनुमान लगाया था कि दो आय सहायता कार्यक्रमों की लागत लगभग 70 अरब पाउंड थी, जो पिछले साल देश के पूरे सार्वजनिक क्षेत्र के उधार से अधिक थी। यह भी अनुमान है कि भविष्य में संभावित दिवालियापन के कारण अपने कोरोनोवायरस ऋण कार्यक्रमों पर होने वाले नुकसान से चालू वित्त वर्ष में सरकार पर 5 अरब पाउंड का बोझ बढ़ेगा।

ब्रिटेन के वित्त उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाले एक समूह ने रविवार को चेतावनी दी थी कि कोरोना वायरस उधार कार्यक्रमों के तहत ब्रिटिश कंपनियों द्वारा लिए जा रहे ऋण के लगभग एक-तिहाई की वापसी अनिश्चित हो सकती है।

 


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