बंगाल सरकार ने पुलिस सुरक्षा देकर तब्लीगी जमातियों को पहुंचाया था बांग्लादेश

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कोलकाता, 05 जून (हि.स.)। पश्चिम बंगाल सरकार ने तब्लीगी जमात में शामिल हुए बांग्लादेशी नागरिकों को पुलिस सुरक्षा देकर उनके देश पहुंचाया। इसे लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। राज्य गृह विभाग के सूत्रों ने बताया है कि दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात कार्यक्रम में देश-दुनिया से 2200 की संख्या में इस्लामवादी एकत्रित हुए थे। उनमें से बांग्लादेश, मलेशिया, थाइलैंड और अन्य देशों के 108 नागरिक थे, जो दिल्ली से कोलकाता भाग आए थे। इन सभी को चिन्हित कर राजारहाट के क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया था। अब इन्हें पुलिस सुरक्षा देकर भारत-बांग्लादेश सीमा पर मौजूद पेट्रोपोल सीमा पर पहुंचाया गया, जहां से बांग्लादेश की सुरक्षा एजेंसियां अपने साथ ले गई हैं। इस बारे में राज्य सरकार ने पहले जानकारी छिपाई थी लेकिन जब इसकी तस्वीरें वायरल हुईं और लोग सवाल खड़े करने लगे तब राज्य गृह विभाग की ओर से सफाई दी गई है।
गृह सचिव अलापन बनर्जी ने दावा किया है कि जो कुछ भी किया गया है वह केंद्र सरकार के निर्देश पर किया गया है। उन्होंने बताया कि जब से तब्लीगी जमात के लोगों को हिरासत में रखा गया था उसके बाद से इन पर कार्रवाई समेत अन्य कदम के लिए लगातार केंद्र सरकार से संपर्क साध कर रखा गया था। केंद्र से ही निर्देश मिला कि सभी जमाती नागरिकों को पुलिस सुरक्षा में उनके देश की सीमा तक छोड़ना होगा। इसलिए राज्य सरकार ने उन्हें पुलिस एस्कॉर्ट के साथ छोड़ा है। उन्होंने कहा कि इसमें सब कुछ पारदर्शी तरीके से किया गया है और कुछ भी छुपाया नहीं गया है।
उल्लेखनीय है कि टूरिस्ट वीजा पर भारत आकर लॉकडाउन के दौरान भी निजामुद्दीन के मरकज में आयोजित हुए जमात के कार्यक्रम में शामिल होने की वजह से सभी विदेशी नागरिकों पर 10 साल के लिए बैन लगाया गया है। राज्य गृह सचिव ने दावा किया है कि जो भी विदेशी नागरिक तब्लीगी जमात से लौटकर बंगाल आए थे, उनमें से कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं पाया गया था। सभी के आपराधिक रिकॉर्ड को ही खंगाला गया था।

 


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