लाॅकडाउन में उद्योगों को मजदूरी भुगतान में छत्तीसगढ़ ने केन्द्र से मांगी मदद

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रायपुर, 14 अप्रैल (हि.स.)। कोरोना संक्रमण के चलते लाॅकडाउन अवधि में मजदूरों को भुगतान किये जाने पर उद्योगों पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को कम करने के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ ने भारत सरकार से मदद मांगी है। उन्होंने केन्द्रीय विकास आयुक्त राममोहनमिश्रा से एनएमडीसी, एसईसीएल के माध्यम से लौह एवं कोयला आपूर्ति के लिए 50 प्रतिशत अग्रिम राशि लेने सहित विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की और विभिन्न सुझाव दिए।

उन्होंने केन्द्रीय विकास आयुक्त से अनुरोध किया  है कि प्रदेश के विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों जैसे भिलाई इस्पात संयंत्र, एनएमडीसी, एनटीपीसी, रेलवे आदि को सप्लाई किये गये ऑर्डर का लंबित भुगतान तत्काल किया जाए तथा भविष्य में दिए जाने वाले वर्क ऑर्डर के साथ 30 प्रतिशत राशि अग्रिम भुगतान की जाए। इसी प्रकार प्रदेश के उद्योगों द्वारा लिये गये टर्मलोन एवं कार्यशील पूंजी ऋण पर बैंकों द्वारा लिये जा रहे ब्याज की दर आधी किये जाने एवं मासिक किश्तों की वसूली को कम से कम 06 माह के लिए स्थगित किये जाने का अनुरोध किया गया है।वीडियों काॅफ्रेसिंग में श्री पिंगुआ ने यह भी अनुरोध किया कि प्रदेश के उद्योगों को एसईसीएल, एनएमडीसी से प्राप्त होने वाले कोयला एवं लौह अयस्क की पूरी राशि एडवांंस में भुगतान की वर्तमान व्यवस्था में बदलाव किया जाए। अब प्रतिमाह आवश्यक कच्चे माल की राशि का 50 प्रतिशत राशि एडवांंस किया जाए और कच्चा माल आपूर्ति होने के बाद शेष राशि 15 दिनों बाद दी जाये। श्री पिंगुआ ने यह भी सुझाव दिया कि केन्द्र सरकार बुनियादी अधोसंरचना निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करे, ताकि कोर सेक्टर के उद्योगों के उत्पादों की मांग में वृद्धि हो।

साथ ही केन्द्रीय सचिव से प्रदेश के उद्योगों को लाॅकडाउन के कारण आवश्यक अतिरिक्त कार्यशील पूंजी को उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए रिजर्व बैंक से चर्चा करने का सुझाव भी दिया। केन्द्रीय विकास आयुक्त ने राज्य शासन के सुझावों पर विचार करने के बाद उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।

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