कोविड -19: किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार हैं एनडीआरएफ के 504 योद्धा

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थर्ड स्टेज से निपटने के लिए 84 टीमें अत्याधुनिक उपकरणों के साथ गठित



ग़ाज़ियाबाद, 11 अप्रैल (हि.स.)। कोरोना वायरस के लगातर बढ़ते संक्रमण के चलते जहां सरकार की चिंता बढ़ गई है, वहीं नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फ़ोर्स (एनडीआरएफ) ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए कमर कस ली है। इसके लिए 504 जवानों व अधिकारियों की 84 टीमें गठित की गई हैं, जिन्हे पूरी तरह से अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित कर 24 घंटे तैयार रहने को कहा गया है।

84 टीमों में शामिल ये योद्धा अपनी पीपीई किट पहने नजर आ रहे हैं।साथ ही मास्क सभी के मुंह पर है और सभी के पास हैंड सेनेटाइजर। जो इस महामारी का छोटा सा हथियार मात्र है। एनडीआरएफ में सभी जवानों को कोरोना वायरस से लड़ने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बटालियन के पैरामेडिकल एक्सपर्ट्स सभी जवानों को क्वारंटीन सेंटरों में सही देखभाल, लोगों को जागरूक करने और सुरक्षा संबंधी गाइडलाइन के बारे में प्रशिक्षित कर रहे हैं। लगातार जारी प्रशिक्षण कार्यक्रम में जवानों को कोरोना में प्राथमिक कदम उठाने और वायरस के संक्रमण से बचाव के बारे में बताया जा रहा है।

एनडीआरएफ के कमांडेंट पीके श्रीवास्तव ने बताया कि इस लड़ाई को जीतने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग ही एकमात्र उपाय है। एनडीआरएफ अपने सभी जवानों को कैंप में एंट्री करने से लेकर, उन्हें सेनेटाइज़र करने और खुद को बचाने के सारे प्रबंध कर चुका है। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ ने अपने जवानों की एंट्री पर हाथ धोने की एक मशीन बनाई है, जिसमे न तो आपको हैंड वॉश पर हाथ लगाना है और न ही पानी के लिए। दोनों ही काम पैर से हो रहे हैं। जवान अगर मोटरसाइकिल पर आता है तो वो पहले खुद को सेनेटाइज़ेड करता है और साथ ही सेनेटाइजर मशीन से मोटरसाइकिल भी पूरी तरह सेनेटजीएड की जाती है। इतना ही नहीं सभी जवान बाहर से आकर अपने सभी कपड़े उतार कर अच्छे से खुद को भी सेनेटाइज़ करते हैं, जिसके लिए अलग से एनडीआरएफ इंतज़ाम कर जवानों को तुरंत नहाने के आदेश भी दे चुका है।

श्रीवास्तव ने बताया कि इतना ही नहीं वायरस के देश में एंट्री के बाद से एनडीआरएफ पूरी तरह सचेत है और जब से लॉकडाउन हुआ है, तभी से रोजाना भूखे गरीब और मजदूरों के लिए पैकेट बनाकर खाद्य सामग्री पहुंचाने का काम भी रोजाना एनडीआरएफ कर रहा है। हमारी इस तरह की तैयारी है कि अगर देश के किसी भी कोने में लापरवाही के चलते वायरस की थर्ड स्टेज में एंट्री होती है तो उस जगह किस तरह काम किया जायेगा। क्योंकि बचाव और सावधानी सबसे ज्यादा जरूरी है।

 


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