सेवा से ही जीवन सार्थक और सफल होगा : आरके सिन्हा

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प्रधानमंत्री राहत कोष में दिए ढाई करोड़ रुपये 



पटना , 07 अप्रैल (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य रवीन्द्र किशोर सिन्हा ने कोरोना संकट से निपटने के लिए सांसदों के वेतन में कटौती का स्वागत किया है। साथ ही सांसद निधि को स्थगित किए जाने को उचित बताते हुए इस वित्तीय वर्ष के बचे हुए डेढ़ करोड़ रुपए भी प्रधानमंत्री राहत कोष को दान कर दिए। प्रधानमंत्री के आह्वान पर वे एक करोड़ रुपए की राशि पहले ही दान कर चुके हैं।
सांसदों के वेतन में एक साल तक 30 प्रतिशत की कटौती के साथ ही सांसद निधि को दो साल के लिए स्थगित किए जाने के  केन्द्रीय मंत्रिमंडल के फैसले का स्वागत करते हुए आरके सिन्हा ने कहा कि यह कटौती केवल मूल वेतन में होगी और इससे सांसदों पर ज्यादा भार नहीं पड़ेगा। उनको मिलने वाले विभिन्न भत्ते व कार्यालय व्यय आदि में कोई कटौती नहीं की गई है। वहीं दो साल तक एमपी लैड का पैसा स्थगित करके सरकार को लगभग 15 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त बचेंगे।
वर्तमान में कोरोना महामारी को देखते हुए यह राशि काफी है, जिसे सरकार स्वास्थय व अन्य अत्यावश्यक जरूरतों के लिए खर्च कर सकती है। सामान्य तौर पर सांसद इस राशि से अपने क्षेत्र की छोटी-मोटी जरूरतें पूरी करते थे। इस समय देश को कहीं ज्यादा बड़ी जरूरत है। इसीलिए आरके सिन्हा ने इस वर्ष की सांसद निधि से कुल मिलाकर ढ़ाई करोड़ रुपए प्रधानमंत्री राहत कोष को दान कर दिए।
सांसद सिन्हा का कहना है कि संकट की इस घड़ी में  सभी राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ता सेवा कार्य में लग जाएं।  उन्होंने कहा कि इन दिनों वे और उनकी संस्था पटना व आसपास के गांवों में भोजन पैकेट व राशन सामग्री पहुंचाने के काम में जुटे हैं। इसके अलावा देश भर में जहां कहीं भी उनके राज्य बिहार मजदूर या जरूरतमंद फंसे हैं, वे सोशल मीडिया या अन्य किसी भी माध्यम से उन तक सूचना पहुंचाते हैं तो वे स्वयं चिंता करते हुए उस तक भोजन पैकेट व राशन सामग्री भिजवा रहे हैं। ऐसा करके हम कह सकते हैं कि सेवा का कार्य ही सबसे महान कार्य है और सेवा के कार्य करके ही हम यह सिद्ध कर सकते हैं कि हमारा राजनीतिक जीवन में आना सार्थक है और सफल है।

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