नई दिल्ली, 06 अप्रैल (हि.स.) । दिल्ली के नरेला आइसोलेशन कैंप को भारतीय सेना ने सोमवार को अपने कब्जे में ले लिया है। दरअसल यहां 1200 से ज्यादा कोरोना संदिग्धों को रखा गया है जिसमें तब्लीगी जमात वाले भी हैं। इन सभी की देखरेख के लिए अभी तक यहां भारतीय सेना के 4 डॉक्टरों और 8 नर्सिंग स्टाफ की तैनाती की गई थी लेकिन इतने कम स्टाफ से कोरोना संक्रमितों को संभालने में दिक्कतें आ रही थीं। इस वजह से आर्मी के और डॉक्टरों की मदद मांगी गई थी। सेना ने यहां मेडिकल स्टाफ बढ़ाने के बजाए अब पूरे कैंप को ही टेकओवर कर लिया है।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने भी रविवार को नरेला आइसोलेशन कैंप का दौरा किया था। निजामुद्दीन इलाके में स्थित मरकज के जलसे में शामिल कोरोना संदिग्धों को नरेला सहित अलग-अलग जगहों पर क्वारंटाइन किया गया है। इसमें नरेला के आइसोलेशन कैंप में 1200 से ज्यादा कोरोना संदिग्धों को रखा गया है। इस कैंप में कुछ तब्लीगी जमात वाले भी हैं। आज अपने कब्जे में लेने के बाद सेना ने यहां डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की 50 लोगों की मेडिकल टीम भेजी है।
दरअसल उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई अस्पतालों में भर्ती तब्लीगी जमातियों द्वारा मेडिकल स्टाफ से दुर्व्यवहार की खबरें आने के बाद इन प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने जमातियों के इलाज में पुरुष कर्मचारियों की ही नियुक्ति के आदेश दिए हैं। इसी तरह नरेला के आइसोलेशन कैंप में रखे गए जमात के लोगों द्वारा अपना इलाज करवाने के बजाए डॉक्टर्स और बाकी स्टाफ के साथ बदसलूकी करने की शिकायतें मिली थीं। इसी के मद्देनजर नरेला आइसोलेशन कैंप में जमातियों की बड़ी संख्या को देखते हुए भारतीय सेना ने अपनी मेडिकल टीम के साथ हथियारबंद प्रोटेक्शन टीम भी भेजी है, ताकि किसी भी तरह के उपद्रव पर तत्काल अंकुश लगाया जा सके।