जनता कर्फ्यूः उत्तराखंड में सुबह से ही सड़कों पर पसरा सन्नाटा

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देहरादून, 22 मार्च (हि.स.)। कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर उसकी चेन को तोड़ने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर रविवार को ‘जनता कर्फ्यू’ का उत्तराखंड में व्यापक असर दिखा। आज सुबह सात बजते ही लोगों ने प्रधानमंत्री के आह्वान पर “जनता कर्फ्यू” का पालन करना शुरू कर दिया। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक घरों से लेकर बाजार तक सन्नाटा छाया हुआ है।
राजधानी देहरादून में सफाई कर्मी रोज की तरह सुबह अपने काम पर मुस्तैद रहे। देहरादून के चकराता रोड बिंदाल पुल स्थित प्रभात डेयरी रोज की तरह खुली लेकिन ग्राहक कम आए। जो आए भी वह आसपास के लोग जल्दी-जल्दी अपनी जरूरत का सामान खरीद कर चलते बने। डेयरी पर दूध लेने आए ललित का कहना है प्रधानमंत्री की यह अपील बहुत ही सराहनीय है। हम सभी इस अभियान में सहयोग करेंगे और कर रहे हैं।
बिंदाल पुल स्थित छावनी परिषद में स्थानीय कुछ लोग रोज की तरह आज भी सैर पर निकले लेकिन सुबह सात बजे से पहले। जो सैर पर गए वह झुंड की बजाय दूरी बनाकर।
राजधानी देहरादून के घंटाघर, चकराता रोड बिंदाल पुल, आनंद चौक पर रोज की तरह सुबह खुलने वाली अन्य दुकानें बंद रहीं। शहर में समाचार पत्र बांटने वाले हॉकर और सफाईकर्मी रोज की तरह अपना काम कर रहे थे। सफाई कर्मी संदीप ने बताया कि 9:30 बजे तक सफाई का काम चलेगा उसके बाद हम लोग घर चले जाएंगे और जनता कर्फ्यू के नियमों का पालन करेंगे। समाचार पत्र के हॉकर विजेंद्र  सेमवाल ने बताया कि हम सुबह 4:30 बजे से पेपर वितरण का कार्य कर रहे हैं लेकिन हम भी इसके बाद जनता कर्फ्यू में सहभागी बनेंगे। डीआरडीओ में कार्यरत विनीत प्रेम नगर यानी अपने घर जाने के लिए बिंदाल स्थित पेट्रोल पंप पर वाहन में तेल भरवा रहे थे। उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि रात की डयूटी में होने के कारण वाहन में तेल नहीं भरवा पाए थे। प्रेम नगर जाना है, इसलिए टंकी फुल करवा रहे हैं। इस जनता कर्फ्यू को हम सभी पूरा सहयोग कर रहे हैं।
पर्यटकों से पैक रहने वाली पहाड़ों की रानी मसूरी की सड़कें भी सुबह से ही वीरान हैं। ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट पर कुछ लोग विशेष पूजा के लिए जुटे लेकिन गली मोहल्ले सूने पड़े हैं। कुछ दिहाड़ी मजदूर जरूर आज सुबह काम की तलाश में देहरादून के लाल पुल व अन्य जगहों पर पहुंचे, लेकिन उन्हें काम नहीं मिला।
जनता कर्फ्यू के दौरान आज गैस एजेंसियां और पेट्रोल पंप भी खुले हैं, जबकि राशन और शराब की दुकानें बंद रखी गई हैं। शासन ने यह निर्णय लिया है कि गैस एजेंसियों और पेट्रोल पंप पर कर्मचारियों की संख्या न्यूनतम रहेगी। आवश्यक सेवाओं की श्रेणी में होने के चलते इन्हें पूरी तरह से बंद नहीं किया जा सकता। देहरादून में पुलिस और प्रशासन का खास फोकस एफआरआई और राजपुर रोड का वह होटल परिसर है, जहां से कोरोना संक्रमित मरीज मिले थे। यहां पर ड्रोन कैमरों की मदद से निगरानी की जा रही है, क्योंकि एफआरआई को पूरी तरह से ‘लॉक डाउन’ कर दिया गया।
पौड़ी में बाजार पूरी तरह बंद हैं। लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। कोटद्वार में सड़कें पूरी तरह वीरान हैं। लोग घरों से बाहर न के बराबर निकले। श्रीनगर में बाजार पूरी तरह से बंद हैं। हाइवे पर इक्का-दुक्का वाहन दिख रहे हैं, जहां पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है।
उत्तरकाशी में भी जनता कर्फ्यू के कारण सड़कें और बाजार वीरान नजर आ रहे हैं। चमोली जिले में भी लोग जनता कर्फ्यू का समर्थन कर रहे हैं। लोग अपने अपने घरों में ही बैठे हैं। सभी बाजार पूरी तरह से बंद हैं। लोगों ने शनिवार को ही अपने रोजमर्रा की सामग्री खरीद कर रख ली थी ताकि रविवार को घरों से न निकलना पड़े।
अल्मोड़ा में जनता कर्फ्यू को लोगों ने पूरा समर्थन दिया है। बाजार पूरी तरह सूने हैं तो रोज गुलजार रहने वाली मालरोड पर सन्नाटा है। बसअड्डों पर भी सन्नाटा पसरा है। केवल खाली बसें ही अड्डे में खड़ी हैं। हालांकि शहर में यहां दूध की आपूर्ति आज भी निर्बाध ढंग से हुई, इसलिए सुबह-सुबह दूध खरीदने के बाद लोग घरों में ही हैं। बाजार में चाय के खोखे तक बंद हैं। स्थानीय निवासी जेएस नेगी ने कहा कि इस प्रकार का स्वतः स्फूर्त जनता कर्फ्यू उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। नैनीताल में जनता कर्फ्यू पूरी तरह से सफल है। रामनगर में जनता कर्फ्यू का व्यापक असर है। कुमाऊं और गढ़वाल के पर्वतीय इलाकों को जाने वाली सभी यात्री बसें और  बाजार बंद हैं।
चंपावत में सभी बाजार बंद हैं। लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं। सड़कों पर हर ओर सन्नाटा पसरा हुआ है। वाहन नहीं चल रहे हैं। इसी बीच आज सुबह दिल्ली से आने वाली बसों में सवार होकर पहाड़ में अपने घरों को जाने वाले कम से कम 60 यात्री रोडवेज स्टेशन में फंस गए हैं। पीएम मोदी की अपील के बाद वह भी घरों को लौट रहे थे। टनकपुर से पहाड़ की ओर रोडवेज बसों का संचालन बंद है। टैक्सियां भी नहीं चल रही हैं। कुछ टैक्सियां सवारियों को लेकर सुबह पहाड़ की ओर रवाना भी हुईं, लेकिन पुलिस ने उन्हें ककराली गेट से लौटा दिया। रोडवेज बस अड्डे में फंसे  लोग चाय पानी व नाश्ते को तरस रहे हैं। उन्होंने रोडवेज के एआरएम से भी वार्ता की लेकिन एआरएम का स्पष्ट कहना है कि ऊपर से मिले निर्देशों के आधार पर उन्होंने बसों का संचालन रोका है। टनकपुर में जनता कर्फ्यू के बीच एक कर्मचारी सैनिटाइजर का छिड़काव करता हुआ दिखा। सड़कें और बाजार सुनसान हैं।
नई टिहरी में जनता कर्फ्यू का असर साफ दिखा। टिहरी शहर में लोगों की आवाजाही ठप है। शहर पूरी तरह से शांत है।

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