टाटा समूह का कर्मचारी हित में फैसला, अस्थायी श्रमिकों के वेतन में नहीं होगी कटौती

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नई दिल्ली, 20 मार्च (हि.स.)। निजी क्षेत्र के सबसे बड़े समूह टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने शुक्रवार को कहा कि कोरोनो वायरस महामारी एक बड़ा वैश्विक संकट है, जो हमारे समाज के कमजोर वर्ग पर बड़ा और गहरा वित्तीय प्रभाव डालेगा। ऐसे में समूह ने कर्मचारी हितों को ध्यान में रखते हुए अस्थायी श्रमिकों को पूर्ण वेतन देने का फैसला किया है।

चंद्रशेखरन ने आज एक बयान जारी कर कहा कि टाटा कंपनियां सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि श्रमिकों को उनका बकाया वेतन समय पर मिल सके। संकट के इस समय में टाटा समूह अपने अस्थायी श्रमिकों और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को पूरा भुगतान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो मार्च और अप्रैल,2020 के महीने में हमारे कार्यालयों और भारत में हमारी साइटों पर काम कर रहे हैं।

टाटा संस के चेयरमैन का बयान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कारोबारी समुदाय को वेतन में कटौती नहीं करने की अपील के एक दिन बाद आया है। चंद्रशेखरन ने कहा कि कोविड​​-19 एक बड़ा वैश्विक संकट है। भारत में इस खतरे को रोकने के लिए सरकार कई सक्रिय कदम उठा रही है और एहतियाती कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि समूह की कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम के वातावरण से काम को सक्षम किया है।

चंद्रशेखरन ने कहा कि हमने भारत में अपनी कंपनियों को तेजी से और बड़े पैमाने पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) द्वारा जारी गाइडलाइन अपनाने के लिए कहा है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कर्मचारी सिर्फ बहुत आवश्यक मामलों में यात्रा करें। उन्होंने कहा कि हमारे समूह की कंपनियां वैध बकाया का समय पर भुगतान करने की नीति का पालन करती है। वर्तमान स्थिति में यह सुनिश्चित करने का काम चल रहा है कि किसी भी तरह के बकाये का भुगतान तत्काल किया जाए।

 


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