फिच ने भी विकास दर का अनुमान घटाकर 5.1 फीसदी किया
नई दिल्ली, 20 मार्च (हि.स.)। कोरोना वायरस के कहर से निवेश और निर्यात प्रभावित होने के मद्देनजर फिच रेटिंग्स ने विकास दर के अनुमान को घटाकर 5.1 फीसदी कर दिया है। मूडीज और एसएंडपी के बाद रेटिंग एजेंसी फिच ने भी वित्त वर्ष 2020-21 के लिए शुक्रवार को भारत की वृद्धि दर यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान को घटाया है। इससे पहले फिच ने दिसम्बर 2019 में अनुमान जताया था कि 2020-21 के लिए भारत का विकास दर 5.6 फीसदी और अगले वित्त वर्ष में 6.5 फीसदी रहेगी।
रेटिंग एजेंसी फिच ने अपने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य 2020 में कहा कि आने वाले हफ्तों में कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों की संख्या में बढ़ोतरी होगी लेकिन इसके बहुत तेजी से फैलाव को रोकने में कामयाबी तो मिलेगी। इसके बावजूद आर्थिक हालात नकारात्मक हैं। इसके अलावा फिच ने कहा कि आपूर्ति पक्ष से व्यवधानों के चलते व्यावसायिक निवेश और निर्यात पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है। वहीं वित्त वर्ष 2021-22 के लिए फिच ने भारत की विकास दर 6.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
फिच ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप से धारणाएं टूट रही हैं। स्थानीय सरकारें वायरस के प्रसार को रोकने के लिए हर संभव उपाय कर रही हैं। केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की ओर से स्कूल, सिनेमा, मॉल थियेटर सब बंद किया जा रहा है। फिच ने कहा कि भारत विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स और मशीनरी और उपकरणों के लिए चीन पर बहुत अधिक निर्भर है।
उल्लेखनीय है कि डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया है। वहीं दुनियाभर में 2 लाख से भी ज्यादा लोग इससे संक्रमित हैं और 10 हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवा दी है, जबकि भारत में इस गंभीर बीमारी के अब तक 195 मामले सामने आ चुके हैं और इससे पांच मौतें भी हो चुकी हैं।