रूस ने सीरिया में युद्धपोत भेजे

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मॉस्को, 28 फरवरी (हि.स.)। रूस ने शुक्रवार को सीरिया के लिए क्रूज मिसाइलों से लैस दो युद्धपोतों को रवाना किया है। रूस ने सीरिया के इदलिब क्षेत्र में 33 तुर्की सैनिकों की मौत के लिए भी अंकारा को दोषी ठहराया है। इस महीने अब तक तुर्की के 54 सैनिकों की मौत हो चुकी है।

तुर्की ने सीरिया में हजारों सैनिक और भारी सैनिक साजो-सामान भेजे हैं। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने चेतावनी दी है कि सीरियाई बलों को पीछे हटाने के लिए बड़े पैमाने पर एक हमला शुरू किया जाएगा। जब तक सीरियाई सेना इलाके में तुर्की की निगरानी चौकियों से पीछे नहीं हटती, सैनिक कार्रवाई नहीं रोकी जाएगी। रूस सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद का समर्थन करता है, जबकि तुर्की असद का विरोध करने वाले विद्रोही बलों का समर्थन करता है।

सैनिकों की गुरुवार को हुई मौत पर प्रतिक्रिया देते हुए तुर्की के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अंकारा अब सीरियाई शरणार्थियों को यूरोप पहुंचने से नहीं रोकेगा। तुर्की ने सैनिकों की मौत के लिए सीरियाई सेना के एक हवाई हमले को दोषी ठहराया। जबकि रूस के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि तुर्की के सैनिक सीरिया की सेना के तोपखाने से हुई गोलाबारी की चपेट में आ गए थे। सीरिया की सेना तब विद्रोही बलों के एक हमले को नाकाम करने की कोशिश कर रही थी। रूसी सेना के साथ नियमित संपर्क में होने के बावजूद गोलाबारी से प्रभावित क्षेत्र में तुर्की के सैनिकों की मौजूदगी के बारे में मॉस्को को सूचित करने में अंकारा विफल रहा।

रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि तुर्की के सैनिक सीधे सरकार विरोधी विद्रोहियों के साथ तैनात थे। जबकि तुर्की द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार क्षेत्र में कोई भी तुर्की सैनिक नहीं था और ऐसी हालत मे तुर्की के सैनिकों को वहां नहीं होना चाहिए था। रूसी लड़ाकू विमानों ने घटना के समय क्षेत्र में कोई हवाई हमला नहीं किया था। रूस ने यह भी सुनिश्चित किया कि सीरिया की सेना गोलाबारी बंद कर दे, ताकि तुर्की अपने मृतकों और घायलों को बाहर निकाल सके।

 


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