उप्र : सोनांचल में मिले सोना भण्डार की ‘जियो टैगिंग’ के लिए 22 को पहुंचेगी टीम

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सोनभद्र/लखनऊ, 21 फरवरी (हि.स.)। सोनभद्र को सोनांचल के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर सोने का भण्डार मिलने से फिर एक बार यह सुर्खियों में है। यहां की पहाड़ी में लगभग तीन हजार टन सोना दबने की पुष्टि हुई है। सोनभद्र में एक सोन पहाड़ी है, जहां पर 2943.25 टन व हरदी क्षेत्र में 646.15 किलोग्राम सोने का भंडार मिला है। इस बात की पुष्टि भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय ने कर दी है।
जिला खनन अधिकारी कमलेश कुमार राय ने बताया कि 22 फरवरी को चिन्हि​त खनिज स्थलों का जियो टैगिंग के लिए सात सदस्यीय टीम पहुंचेगी, जो जांच करने की बाद अपनी रिपोर्ट भूतत्व एवं खनिकर्म के निदेशक रोशन जैकब को सौंपेगी। इसके बाद राज्य को जिम्मेदारी सौंपते हुए केन्द्र सरकार को ई-निविदा को हरी झंडी मिलने के बाद खनन को अनुमति मिलेगी। उन्होंने बताया कि खनिज स्थलों को निरीक्षण वन विभाग के अधिकारी भी करेंगे।
खनन अधिकारी ने बताया कि भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) में सोनभद्र के दो स्थानों पर करीब तीन हजार टन सोने का अयस्क मिला है। इससे करीब डेढ़ हजार टन सोना निकाला जा सकेगा। इस तरह जीएसआई ने यहां की पहाड़ियों में 90 टन एंडालुसाइट, नौ टन पोटाश, 18.87 टन लौह अयस्क व 10 लाख टन सिलेमिनाइट के भण्डार की भी खोज की है।
इस खबर को पुष्ट करते हुए भूतत्व एवं खनिकर्म के निदेशक रोशन जैकब ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि मुख्य खनिजों की नीलामी के आदेश जारी कर दिए हैं और नीलामी प्रक्रिया ई-टेंडरिंग के जरिए होगी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2005 से ही यहां जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) की टीम ने अध्ययन करके सोनभद्र में सोना होने के बारे में बताया था और इस बात की पुष्टि भी 2012 में हुई कि सोनभद्र की पहाड़ियों में सोना मौजूद है लेकिन इस दिशा में अब तक काम शुरू नहीं हुआ था। अब प्रदेश सरकार ने तेजी दिखाते हुए सोने के ब्लॉक के आवंटन के संबंध में प्रक्रिया शुरू कर दी है।
हेलिकॉप्टर से हुआ था भू-भौतिकीय सर्वे
इस सर्वेक्षण में विद्युती चुम्बकीय एवं स्पेक्ट्रोमीटर उपकरणों का प्रयोग किया जाता है। इन उपकरणों का कुछ भाग हेलिकॉप्टर के नीचे लटका रहता है जो कि जमीन की सतह से 60-80 मीटर की ऊंचाई पर उड़ते हुए सर्वेक्षण करता है।

 


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