भीमा कोरेगांव मामले की पैरेलल जांच कराएगी राज्य सरकार : नवाब मलिक

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सभी मंत्रियों को चुनाव में सहभागी होने का शरद पवार का आदेश



मुंबई, 17 फरवरी (हि.स.)। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा है कि राज्य सरकार भीमा कोरेगांव मामले की पैरेलल जांच विशेष जांच टीम के माध्यम से कराएगी। इसकी जानकारी गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सोमवार को मंत्रियों की बैठक में राकांपा अध्यक्ष के समक्ष दी है।

बैठक में शरद पवार ने आगामी सभी चुनावों में राकांपा के सभी मंत्रियों को जी-जान से जुटने का आदेश दिया है। इसके अलावा बैठक में राज्य में नेशनल पापुलेशन रजिस्टर( एनपीआर) की प्रश्रावली के बारे में महाविकास आघाड़ी में शामिल तीनों दलों द्वारा एकसाथ बैठकर निर्णय करने का फैसला लिया गया है।
मुंबई में यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में सोमवार को राकांपा के सभी 16 मंत्रियों की बैठक के बाद राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने बताया कि भीमा कोरेगांव हिंसा में तत्कालीन सरकार का सहभाग होने की आशंका है। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने मुख्यमंत्री को इस मामले की जांच के लिए पत्र लिखा था। उसके दो घंटे बाद ही केंद्र सरकार ने इस मामले की जांच एनआईए को सौप दिया था।

लेकिन सोमवार को मंत्रियों की बैठक में गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि कानूनन राज्य सरकार इस मामले की पैरेलल जांच करवा सकती है। पैरेलल जांच कराने के लिए मंत्रियों की बैठक में सहमति भी बन गई है।

मलिक ने कहा कि राज्य में एक अप्रैल से एनपीआर का कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। एनपीआर का मतलब सिर्फ डाटा कलेक्शन ही है, लेकिन इसके लिए अभी तक प्रश्रावली तैयार नहीं की गई है। इतना ही नहीं अन्य राज्यों में यह किस तरह कराया जाएगा,अभी तक इसकी जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। मलिक ने कहा कि एनपीआर की प्रश्रावली के बारे में तीनों दल के नेता बैठक कर अंतिम रूप देने वाले हैं।
उल्लेखनीय है कि 1 जनवरी, 2018 को पुणे स्थित भीमा कोरेगाव में विजय जुलूस को लेकर हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था। इससे पहले भीमा कोरेगांव में ही एलगार परिषद का आयोजन किया गया था। इन दोनों मामलों की जांच राज्य सरकार के आदेश पर पुणे पुलिस कर रही थी। जांच में नक्सल कनेक्शन सामने आया था। पुणे पुलिस ने इस मामले में 11 लोगों पर मुकदमा भी दर्ज किया था और उनमें से नौ आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था।
लेकिन राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार ने इस मामले की जांच पर संदेह व्यक्त करते हुए इसे एसआईटी से जांच कराने की मांग की थी। अंतत: केन्द्र सरकार ने मामले की जांच एनआईए को सौप दी। एनआईए इस मामले की जांच कर रही है और अब राज्य सरकार ने भी मामले की पैरलल जांच करवाने का निर्णय लिया है।

 


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