कानपुर में दो दिन बाद फिर महिलाओं का सीएए के विरोध में प्रदर्शन

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पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद 



कानपुर, 10 फरवरी (हि.स.)। नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) के विरोध का जिन्न एक बार फिर कानपुर में बाहर निकल आया है। दो दिन पहले प्रशासन की गयी मेहनत पर सोमवार को पानी फिर गया और सैकड़ों की संख्या में महिलाएं पार्क पहुंचने लगी। प्रशासन ने पार्क जाने पर प्रतिबंध किया तो महिलाएं सड़कों पर ही बैठकर सीएए का विरोध करने लगी। महिलाओं के अचानक विरोध को देखते हुए पुलिस बल के साथ प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गये हैं और  विरोध कर रही महिलाओं को समझाने का प्रयास किया जा रहा है।
सीएए के विरोध में दिल्ली के शाहीनबाग के बाद कानपुर के मोहम्मद अली पार्क में महिलाएं प्रदर्शन कर रही थी। प्रशासन ने कड़ी मेहनत कर शनिवार को राष्ट्रीय गान के साथ विरोध प्रदर्शन को खत्म करा दिया था। जिससे यह माना जा रहा था कि अब कानपुर में सीएए का विरोध नहीं होगा, लेकिन दो दिन बाद सोमवार को एक बार फिर सीएए का विरोध शुरु हो गया। महिलाएं सीएए के विरोध में पार्क पर एकत्र होने के लिए पहुंचने लगी तो हरकत में आया प्रशासन ने पुलिस बल मौजूद कर दिया और पार्क पहुंचने से महिलाओं को रोका जाने लगा। पुलिस की कार्रवाई से आक्रोशित महिलाओं ने सड़क पर ही विरोध शुरु कर दिया और नारेबाजी शुरु कर दी। महिलाओं के अचानक इस फैसले से प्रशासन भी हतप्रद है और भारी पुलिस बल मौजूद कर दिया गया है। एसएसपी अनंत देव सहित तमाम अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और महिलाओं को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। एसएसपी ने कहा कि सभी के सहमति से धरना को खत्म किया गया था, लेकिन कुछ लोगों को लगा कि हमें इसका श्रेय नहीं मिला और वहीं लोग दोबारा धरने को आगे बढ़ाने के लिए महिलाओं को बैठा दिया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि पार्क को खाली करा लिया गया है और महिलाओं से बातचीत की जा रही है। एसएसपी ने साफ कहा कि जो लोग इसके पीछे हैं उनको चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी।
बाहरी लोगों ने महिलाओं को भड़काया?
सूत्रों की माने तो बाहरी लोगों के भड़काने पर महिलाओं ने सोमवार को दोबारा धरना शुरू कर दिया। आपको बताते चलें कि नगर के बाबू पुरवा और चमनगंज में पिछले एक महीने से दिल्ली के शाहीन बाग़ की तर्ज पर मुस्लिम महिलायें धरना प्रदर्शन कर रही थी, जिसे दो दिन पहले जिला प्रशासन के समझाने के बाद समाप्त कर दिया गया था।
 
जिलाधिकारी ने समाप्त कराया था धरना
33 दिन से दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर चल रहे धरने को जिलाधिकारी डा. ब्रह्मदेव राम तिवारी ने शनिवार को धरना समाप्त करवा दिया था। धरना समाप्त करवाते हुए जिलाधिकारी ने भी साफ़ कर दिया था कि हिंदुस्तान का रहने वाला प्रत्येक नागरिक, वो किसी भी धर्म जाति या समुदाय का हो, इस एक्ट से उनको कोई समस्या नही होगी। अपनी बात रखने का सभी को हक है, लेकिन कानून व्यवस्था बनाये रखते हुए शान्ति के साथ अपनी बात को रखे। शहर आपका है अपने शहर की अमन चैन शांति बनाये रखने की जिम्मेदारी समस्त नागरिकों की है। आज फिर शुरु हुए विरोध को देखते हुए जिलाधिकारी मौके पर पहुंच गये हैं और प्रदर्शनकारी महिलाओं से बात की जा रही है।
प्रशासन कर सकता है बड़ी कार्रवाई
सीएए के विरोध में दोबारा उतरी महिलाओं को लेकर प्रशासन की नींद उड़ गयी है। बताते चलें कि प्रशासन के पास पुख्ता सबूत थे कि इन महिलाओं के पीछे राजनीतिक लोगों के साथ पीएफआई का हाथ है। इस पर प्रशासन ने सैकड़ों लोगों नोटिस भेजा था और उनकी राडार पर कई राजनेता भी थे। प्रशासन के पास मिले सबूत को लेकर दो दिन पहले यहां पर विरोध कर रही महिलाएं भी प्रशासन से बातचीत को राजी हो गयी थी और धरना खत्म करा दिया गया था। सूत्रों का कहना है कि एक बार फिर विरोध को देखते हुए प्रशासन अब बड़ा फैसला ले सकता है।

 


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