सूरजकुुंड मेला : जेल कैदियों की हस्तकला को मिले कद्रदान

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फरीदाबाद, 07 फरवरी (हि.स.)। वक्त और हालात से मजबूर परिवार व समाज से दूर हुए हरियाणा की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के लिए सूरजकुंड मेला एक बेहतर मंच साबित हुआ है। इस मेले में प्रदेश की विभिन्न जेलों के कैदी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं और यहां आए पर्यटक उन्हें खूब सराह रहे हैं। कैदियों के हाथों से निर्मित सामान के यहां बहुत कद्रदान हैं और खूब बिक्री हो रही है। उनके हुनर को प्रदर्शित करने का यह मेला मंच बन चुका है।

34वें सूरजकुंड मेले में हरियाणा कारागार द्वारा एक दुकान लगाई गई है, जिसमें हाथ से बने घर की सजावट के सभी सामान जैसे पेंटिंग्स, मंदिर, आइना, घर में प्रयोग होने वाले शैंपू और जेल इत्यादि मौजूद हैं। हरियाणा की जेल सिर्फ जेल न रहकर सुधार गृह बन चुका है, जिसका उदाहरण फरीदाबाद में लग रहे सूरजकुंड मेले के अंदर लगी हरियाणा कारागार की दुकान में देखा जा सकता है।

फरीदाबाद कारागार सुपरिटेंडेंट अनिल कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल एवं जेल मंत्री के आदेशानुसार जेल में कैदियों की छिपी प्रतिभा को निखारने और कारागार को सुधार गृह में तब्दील करने के लिए ये कदम उठाए जा रहे हैं। हरियाणा की सभी जेलों के कैदियों की प्रतिभा को निखारने के लिए सभी पुलिस अधीक्षक अपनी-अपनी जेलों में काम कर रहे हैं। मेले में दुकान लगाने के पीछे लक्ष्य है कि लोगों को पता चले की जेल जेल नहीं है, बल्कि सुधार गृह भी है। उनका मकसद ये भी है कि जब भी कैदी जेल से बाहर निकलें, वे पूरे सम्मान के साथ अपनी नई जिन्दगी शुरू कर सकें।

उन्होंने कहा कि कैदियों को मुख्यधारा में लाने के लिए ये काम बेहद जरूरी है। इससे जहां कैदियों को जेल में करने के लिए काम मिलता है, वहीं उनकी कला को प्रोत्साहन मिलता है। मेले की दुकान में हरियाणा के करीब सभी जिलों से कुछ न कुछ सामान आया है और जिस बंदी की जो रुचि होती है, जिसमें वह काम करने में सक्षम होता है, उसे उसी प्रकार का काम दिया जाता है।


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