प्रस्तावित तीन राजधानी पर मेरा निर्णय सही साबित होगा : मुख्यमंत्री

0

अमरावती (आंध्र प्रदेश), 05 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने कहा है कि अगर वे राज्य में तीन राजधानी बनाने के प्रस्ताव पर निर्णय नहीं लेते तो इसका प्रभाव अगले कई पीढ़ियों पर पड़ता और वे उन्हें कभी माफ़ नहीं करते।

उन्होंने कहा है कि अमरावती में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है और राजधानी के निर्माण में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उनके सहयोगियों ने राजधानी प्रांत घोषित होने से पहले ही रियल एस्टेट का धंधा शुरू कर दिया था।
मुख्यमंत्री बुधवार को विजयवाड़ा में हिंदू एक्सीलेंट एजूूकेशन प्रोग्राम के तहत एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सचिवालय के निर्माण के अलावा अमरावती में कोई बड़ा निर्माण कार्य नहीं कराया गया। यहां तक सड़क का भी निर्माण नहीं कराया गया। उन्होंने कहा कि अमरावती में विधानसभा बनी रहेगी और इससे अमरावती का भी विकास होगा। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश की कार्यकारी राजधानी विशाखापट्टनम में काफी विकास हुआ है और अगले 10 साल तक और विकास होने की संभावना है। अमरावती के निर्माण के लिए प्रति एकड़ पर राज्य सरकार का दो करोड़ रुपया खर्च होता और यह संभव नहीं है। अपने वाले समय में प्रस्तावित तीन राजधानी बनाने का मेरा निर्णय सही साबित होगा।
शिक्षा की नीति पर मुख्यमंत्री जगन ने कहा है कि प्रदेश में सभी स्कूलों में सिर्फ अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा लागू नहीं होगी बल्कि पूरी शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन किया जाएगा। शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में पहली कक्षा से छठवीं कक्षा तक अंग्रेजी माध्यम को लागू किया जाएगा। इसके बाद हर साल एक-एक कक्षा में अंग्रेजी माध्यम को बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि मैंने अंग्रेजी माध्यम को लागू करने का फैसला नहीं लिया होता तो भविष्य की पीढ़ी के साथ अन्याय होता। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश अपने स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम को लागू करने वाला पहला राज्य होगा। इससे सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले एससी व एसटी और गरीब बच्चों को काफी लाभ होगा।
इस मौके पर हिंदू ग्रुप के चेयरमैन एन राम ने मुख्यमंत्री के इस निर्णय पर और उनके किए जाने वाले प्रयासों का स्वागत करते हुये कहा कि आंध्र प्रदेश के विकास और शिक्षा व्यवस्था में आमूल परिवर्तन लाने पर उन्हेंं बधाई देते हैं। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी माध्यम के छात्रों को भविष्य को अच्छे रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और विश्वास है कि निजी स्कूलों में मुकाबले सरकारी स्कूलों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध होगी !

 


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *