ग्राम न्यायालय नहीं गठित किये, 8 राज्यों पर लगा एक-एक लाख रुपये का जुर्माना

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असम, चंडीगढ़, गुजरात, हरियाणा, ओडिशा, पंजाब, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल पर लगा जुर्माना



नई दिल्ली, 29 जनवरी (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने ग्राम न्यायालय एक्ट के प्रावधान लागू करने की मांग करने वाली याचिका पर जवाब दाखिल नहीं करने पर आठ राज्यों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने असम, चंडीगढ़, गुजरात, हरियाणा, ओडिशा, पंजाब, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल पर ये जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने इन राज्यों को निर्देश दिया कि वे अपने राज्यों में एक महीने के भीतर ग्राम न्यायालय स्थापित करें।
कोर्ट ने दो सितम्बर, 2019 को केंद्र और राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इस एक्ट में गांव के स्तर पर अदालत के गठन की व्यवस्था है, जिससे स्थानीय स्तर पर ही किसी विवाद को निपटाया जा सके। यह याचिका नेशनल फेडरेशन ऑफ सोसायटीज फॉर फास्ट जस्टिस ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि राज्यों ने ग्राम न्यायालय का गठन नहीं किया है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कहा था कि पूरे देश में केवल 204 न्यायालय अधिकारी ही नियुक्त किए गए हैं जबकि ग्राम न्यायालय एक्ट 2008 के मुताबिक हर ब्लॉक में ग्राम न्यायालय की स्थापना की जाए।
याचिका में कहा गया है कि राज्यों से इस बात का स्पष्टीकरण मांगा जाए कि उन्होंने ग्राम न्यायालय एक्ट के मुताबिक हर ब्लॉक में ग्राम न्यायालय का गठन क्यों नहीं किया है। ग्राम न्यायालय एक्ट को जल्द और आसानी से लोगों को न्याय उपलब्ध कराने के लिए लागू किया गया था लेकिन अधिकांश राज्यों ने इसे लागू ही नहीं किया है।

 


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