डा. बशिष्ठ नारायण को पद्म पुरस्कार मिलने पर भाई ने कहा- वो जिंदा होते तो इसका अलग महत्व होता

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वशिष्ठ नारायण सिंह का 14 नवम्बर 2019 को निधन हो गया था।



पटना, 26 जनवरी (हि.स.)। भारत सरकार ने गणितज्ञ स्व. वशिष्ठ नारायण सिंह सहित बिहार के आठ लोगों को पद्म सम्मान देने की घोषणा की है, जिनमें महान गणितज्ञ वशिष्ठ का नाम भी शामिल है। मगर आज वशिष्ठ बाबू जिंदा होते तो इस सम्मान का महत्व उनके लिये और खास होता।

वशिष्ठ नारायण सिंह अब इस दुनिया में नहीं हैं, मगर उनकी विद्वता का लोहा पूरी दुनिया मानती थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह ने अपने कार्यकाल में 1954 में ‘नेतरहाट’ स्कूल की स्थापना की थी और उसी स्कूल के पहले स्टूडेंट गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह थे, जिन्होंने अविभाजित बिहार में मैट्रिक में टॉप कर इतिहास रच दिया था। उसके बाद फिर वशिष्ठ बाबू ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वशिष्ठ बाबू को मरणोपरांत पद्मश्री से नवाजा जाना नेतरहाट के लिए भी सम्मान की बात है। क्योंकि इस विद्यालय के शायद यह पहले स्टूडेंट हैं, जिनको पद्मश्री सम्मान मिला है। उन्हेंं यह सम्मान मिलने से आज नेतरहाट भी सम्मानित हो गया। वशिष्ठ नारायण सिंह का 14 नवम्बर 2019 को निधन हो गया था।

पद्मश्री सम्मान के लिये गणितज्ञ वशिष्ठ का नाम तय होने पर उनके छोटे भाई अयोध्या प्रसाद सिंह ने कहा कि अगर आज भईया होते तो इस सम्मान का अलग ही महत्व होता। उन्होंने कहा था कि ‘वशिष्ठ बाबू का  बड़ा नाम है। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से लेकर अमेरिका के बर्कले विश्वविद्यालय तक अपना परचम लहराया। आईआईटी में पढ़ाया, वे गणित की अपनी थ्योरी को लेकर दुनियाभर में चर्चा में रहे, मगर बिहार के इस लाल को किसी ने सम्मान देना मुनासिब नहीं समझा। बसंतपुर (भोजपुर जिलान्तर्गत) गांव के रहने वालों की अभिलाषा है कि कोईलवर के पास बन रहे नए सिक्स लेन पुल का नाम वशिष्ठ बाबू के नाम पर हो। आरा के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने भरोसा दिया है कि वे इस संबंध में केंद्र सरकार से बात करेंगे।

संसद के बीते शीतकालीन सत्र में भाजपा सांसद आरके सिन्हा ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया कि पटना विश्वविद्यालय का नाम गणितज्ञ स्वर्गीय वशिष्ठ नारायण सिंह के नाम पर किया जाए और उन्हें पद्म पुरस्कार से नवाजा जाए। इस वर्ष कुल 141 पद्म पुरस्कारों के लिये बिहार के आठ लोगों को शामिल किया गया है। इनमें वशिष्ठ के अलावा समाजवादी नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री जार्ज फर्नांडीस, शांति जैन, डॉ. शांति राय, श्याम सुंदर शर्मा, विमल कुमार जैन, रामजी सिंह और प्रो. सुजाय के गुहा के नाम शामिल हैं।

 


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