टाटा सन्‍स-मिस्‍त्री मामले में एनसीएलटी के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

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कंपनी पंजीयक ने टाटा-मिस्‍त्री मामले में एनसीएलएटी के आदेश में संशोधन की याचिका दायर की थी।



नई दिल्‍ली, 24  जनवरी (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) की याचिका को निरस्त करने के राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश पर शुक्रवार को रोक लगा दी। कंपनी पंजीयक ने टाटा-मिस्‍त्री मामले में एनसीएलएटी के आदेश में संशोधन की याचिका दायर की थी। इसके साथ ही टाटा सन्स की ओर से इस पर रोक लगाने की अपील की गई थी।

मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे और न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की तीन सदस्यीय पीठ टाटा सन्‍स प्राइवेट लिमिटेड की अपील पर सुनवाई करने को सहमत हो गई है। पीठ ने सम्बंधित पक्षों को इसे लेकर नोटिस जारी किया है। अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट सात फरवरी को करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ टाटा सन्‍स द्वारा दायर मुख्य याचिका के साथ ही इस मामले की सुनवाई करेगा।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने साइरस मिस्‍त्री को फिर से टाटा समूह का कार्यकारी चेयरमैन बनाने के एनसीएलएटी के आदेश पर 10 जनवरी को रोक लगा दी थी। अपीलेट ट्रिब्यूनल ने छह जनवरी को आरओसी की याचिका खारिज की थी,  जिसके बाद आरओसी ने अपील की थी कि टाटा सन्स को प्राइवेट कंपनी बनाने के मामले में ट्रिब्यूनल 18 दिसंबर को अपने फैसले से ‘गैर-कानूनी और आरओसी की मदद से’ शब्द को हटा ले। लेकिन,  ट्रिब्यूनल ने फैसले में बदलाव करने से इनकार कर दिया था।  टाटा-मिस्त्री विवाद में फैसला देते हुए ट्रिब्यूनल ने कहा था कि टाटा सन्स के बोर्ड ने आरओसी की मदद से कंपनी को पब्लिक से प्राइवेट में बदल दिया, जिसकी मंजूरी आरओसी के लिए गैर-कानूनी था।

 


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