नई दिल्ली/मुंबई, 21 जनवरी (हि.स.)। निजी क्षेत्र की टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन ने अपनी पेमेंट बैंक इकाई ‘एम-पैसा’ का कामकाज बंद कर दिया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने भी वोडाफोन एम-पैसा को आवंटित अधिकार प्रमाणपत्र (सीओए) रद्द कर दिया है। रिजर्व बैंक ने कंपनी के स्वेच्छा से प्रमाणपत्र सौंपे जाने के बाद इसे रद्द किया गया है।
आरबीआई ने मंगलवार को बयान जारी कर बताया कि सीओए रद्द होने के बाद कंपनी प्रीपेड भुगतान से जुड़े कार्य नहीं कर सकेगी। हालांकि, इससे संबंधित किसी ग्राहकों और व्यापारियों का भुगतान प्रणाली परिचालक (पीएसओ) के रूप में कंपनी के ऊपर कोई वैध दावा है तो वे सीओए रद्द होने के 3 साल के भीतर 30 सितंबर 2022 तक दावा कर सकते हैं।
रिजर्व बैंक ने कहा कि वोडाफोन एम-पैसा ने स्वेच्छा से अधिकार पत्र लौटा दिया है। बता दें कि पिछले साल वोडाफोन-आइडिया ने आदित्य बिड़ला ग्रुप के आइडिया पेमेंट बैंक लिमिटेड (एबीआईपीबीएल) के बंद होने के बाद एम-पैसा इकाई को बंद कर दिया था। उल्लेखनीय है कि वोडाफोन एम-पैसा उन ग्यारह कंपनियों में शामिल है, जिसे आरबीआई ने साल 2015 में पेमेंट बैंक का लाइसेंस दिया था।