जामिया में पुलिस बर्बरता के खिलाफ एफआईआर के लिए जाएंगे अदालत : कुलपति

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सेमेस्टर परीक्षाएं एक बार फिर अनिश्चितकाल के लिए स्थगित



नई दिल्ली, 13 जनवरी (हि.स.)। जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने सोमवार को विश्वविद्यालय के आंदोलनरत छात्रों को भरोसा दिलाया कि 15 दिसम्बर को परिसर में छात्रों पर पुलिस बर्बरता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए अब अदालत का दरवाजा खटखटाया जाएगा। वहीं प्रशासन ने आंदोलन के मद्देनजर  एक बार फिर सेमेस्टर परिक्षाओं को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।

कुलपति नजमा अख्तर ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जांच शुरू कर दी है। आयोग की एक टीम विश्वविद्यालय का दौरा कर चुकी है और पीड़ित छात्रों के बयान दर्ज करने के लिए मंगलवार को एक और टीम आने वाली है। विश्वविद्यालय ने पहले ही एनएचआरसी को सभी सबूत सौंप दिए हैं।

इससे पूर्व आज विश्वविद्यालय के आंदोलनरत छात्रों ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने, सेमेस्टर परीक्षाओं की समय-सारणी फिर से तैयार करने और परिसर में सुरक्षा बढ़ाने की मांग को लेकर कुलपति नजमा अख्तर के कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान छात्रों ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार को भी तोड़ दिया। छात्रों के आक्रोश को देखते हुए कुलपति प्रो नजमा अख्तर अपने कार्यालय से बाहर आई और परिसर में मौजूद प्रदर्शनकारी छात्रों से मुखातिब हुई।

प्रदर्शनकारी छात्रों की मांग पर कुलपति नजमा अख्तर ने डीन,  सभी विभागों के प्रमुखों और अन्य अधिकारियों से परामर्श के बाद विश्वविद्यालय में चल रही सेमेस्टर परीक्षाओं को अगली सूचना तक के लिए रद्द करने की घोषणा की। परीक्षाओं का नया कार्यक्रम बाद में घोषित किया जाएगा। इससे पहले, विश्वविद्यालय ने दिसम्बर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर छात्रों के आंदोलन के चलते परीक्षाओं को स्थगित कर शीतकालीन अवकाश घोषित कर दिया था।

कुलपति ने कहा कि 15 दिसम्बर को पुलिस बिना अनुमति के विश्वविद्यालय परिसर घुसी थी और निर्दोष छात्रों के साथ बर्बरता की। पुलिस हिंसा के खिलाफ विश्वविद्यालय ने पहले ही एफआईआर दर्ज कराने के लिए सभी संभव कदम उठाए हैं। स्थानीय जामिया नगर पुलिस थाना के एसएचओ को अपनी शिकायत दी है और इसकी प्रतिलिपि पुलिस आयुक्त और डीसीपी साउथ ईस्ट को भी दी गई। विश्वविद्यालय इस संबंध में संयुक्त सीपी दक्षिणी रेंज और डीसीपी अपराध को पत्र भी लिख चुका है।

उन्होंने कहा कि अब निर्णय लिया गया है कि प्रशासन 15 दिसम्बर को पुलिस के विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में घुसकर की गई बर्बरता की प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए जल्द से जल्द अदालत जाने की संभावना तलाशेगा।


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