अमेरिका: राष्ट्रपति की युद्ध शक्तियों पर प्रहार, निचले सदन में प्रस्ताव पारित

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डेमोक्रेट बहुल प्रतिनिधि सभा ने 224-194 मतों से राष्ट्रपति की युद्ध शक्तियों को सीमित करते हुए प्रस्ताव पारित कर दिया। 



वाशिंगटन, 10 जनवरी (हि.स.)। नैंसी पेलोसी समर्थित डेमोक्रेट सांसदों ने गुरुवार को प्रतिनिधि सभा में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को एक बार फिर नीचा दिखाने की कोशिश की। डेमोक्रेटिक पार्टी ने ईरान के ख़िलाफ़ राष्ट्रपति की युद्ध शक्तियों को ही कटघरे में खड़ा कर दिया और घंटों बहस के पश्चात डेमोक्रेट बहुल प्रतिनिधि सभा ने 224-194 मतों से राष्ट्रपति की युद्ध शक्तियों को सीमित करते हुए प्रस्ताव पारित कर दिया।

मतदान में डेमोक्रेटिक पार्टी के आठ सदस्यों ने अपनी पार्टी के विधेयक का विरोध किया जबकि रिपब्लिकन पार्टी के तीन और एक निर्दलीय ने प्रस्ताव के समर्थन में मत दिए। इस प्रस्ताव का कोई संवैधानिक महत्व नहीं है और न ही राष्ट्रपति की युद्ध शक्तियों को युद्धकाल में सीमित किया जा सकता है। हालांकि डेमोक्रेटिक पार्टी समर्थित पारित प्रस्ताव के मुताबिक़ राष्ट्रपति को मध्य पूर्व में युद्ध की स्थिति में राष्ट्रपति को 30 दिनों के भीतर कांग्रेस में सैन्य बल इस्तेमाल किए जाने पर अनुमति लेना अनिवार्य होगा। यह प्रस्ताव डेमोक्रेट एलिसा सलोटकिन (मिशिगन) ने प्रस्तुत किया था। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि राष्ट्रपति युद्ध शक्तियों संबंधी इस प्रस्ताव पर वीटो अधिकार का उपयोग नहीं कर सकेंगे। इस तरह का एक प्रस्ताव डेमोक्रेटिक सीनेटर टीम केन (वर्जीनिया ) ने सीनेट में भी प्रस्तुत किया। नैंसी पेलोसी ने कहा है कि वह देश को सुरक्षित रखना चाहते हैं। यह प्रस्ताव खाड़ी में युद्ध संकट के मद्देनज़र मात्र दो दिन बाद सदन में पेश किया जा सका है। गुरुवार की सुबह राष्ट्रपति ने रिपब्लिकन  सांसदों से अपील की थी की वे इस प्रस्ताव का विरोध करें।
ईरान के कुद्स सैन्य बल कमांडर क़ासिम सुलेमानी की एक अमेरिकी ड्रोन हवाई हमले में मृत्यु के बाद अमेरिका में डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी में घमासान मच गया है। डेमोक्रेट का कथन है कि राष्ट्रपति को सुलेमानी की ड्रोन हमले में मौत का शिकार बनाने का कोई औचित्य नहीं था जबकि रिपब्लिकन पार्टी ने ट्रम्प की ओर से लिए गए निर्णय का स्वागत किया है। राष्ट्रपति ने कहा है कि विगत में सैकड़ों अमेरिकी सैन्य कर्मियों की  मौत के ज़िम्मेदार सुलेमानी इराक़ स्थित अमेरिकी दूतावास में विस्फोट किए जाने की साजिश रचने में संलिप्त था और उन्हें यह जानकारी ख़ुफ़िया एजेंसियों से मिली थी।

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