ओएनजीसी विदेश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक की नियुक्ति के लिए चयन समिति का गठन

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ओवीएल के पिछले प्रबंध निदेशक नरेंद्र के वर्मा 31 जनवरी, 2019 को सेवानिवृत्त हुए थे और तब से यह पद खाली पड़ा है।



नई दिल्ली, 05 जनवरी (हि.स.)। केंद्र सरकार ने विदेश में पेट्रोलियम और गैस परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के लिए भारत की प्रमुख फर्म ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओविएल) के प्रबंध निदेशक की नियुक्ति के लिए चयन समिति का गठन किया है।   गत एक वर्ष से यह पद रिक्त है।
ओवीएल के पिछले प्रबंध निदेशक नरेंद्र के वर्मा 31 जनवरी, 2019 को सेवानिवृत्त हुए थे और तब से यह पद खाली पड़ा है। किसी भी पूर्णकालिक प्रमुख की अनुपस्थिति में, ओवीएल ने 2019 में एक भी अधिग्रहण नहीं किया। इसका रिकार्ड कंपनी की वेबसाइट पर दिखाया गया है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पेट्रोलियम मंत्रालय ने अब छह फरवरी तक इस पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं,आवेदनों की जांच  खोज-सह-चयन समिति द्वारा जांच की जाएगी। पैनल में पेट्रोलियम सचिव एम एम कुट्टी, पूर्व इंडियन ऑयल कॉर्प (आईओसी) के अध्यक्ष एम ए पठान, और सार्वजनिक उद्यम चयन बोर्ड (पीईएसबी) के अध्यक्ष के डी त्रिपाठी शामिल हैं।
पेट्रोलियम मंत्रालय के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक ओवीएल के मामले में, पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता था कि इस पद पर चयन के लिए एक खोज-सह-चयन समिति बनाई जाए। लेकिन आवेदन करने में देरी करने वाले नौकरशाहों पर सरकार के विभिन्न विभागों के साथ मतभेद होने के कारण इसमें विलम्ब होता रहा।सूत्रों ने कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता था कि किसी नौकरशाह को प्रतिनियुक्ति पर ओविएल में आने की अनुमति दी जाए। हालांकि, सरकार के अन्य लोगों ने ओविएल में शामिल होने से पहले नौकरशाह को सेवा से इस्तीफा देने का समर्थन किया था।
उल्लेखनीय है कि ओविएल सार्वजनिक क्षेत्र स्वामित्व वाली पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस कॉर्प (ओएनजीसी) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। वेनेजुएला से न्यूजीलैंड तक फैले 19 देशों में इसकी 39 परियोजनाएं चल रही हैं। इसने विदेशों में परियोजनाओं में अब तक 29.28 अरब अमरीकी डालर का निवेश किया है।

 


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