बंगाल में 30 प्रतिशत मतदान केंद्र संवेदनशील, 18 हजार अपराधी हैं फरार
कोलकाता, 24 मार्च (हि.स.)। पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग ने राज्य में संवेदनशील बूथों को लेकर एक प्राथमिक रिपोर्ट पेश की है। रिपोर्ट में राज्य के 30 प्रतिशत मतदान केंद्र संवेदनशील बताए गए हैं जबकि 18 हजार से अधिक ऐसे अपराधियों को चिह्नित किया गया है, जो कानून व्यवस्था के लिए चुनौती हैं लेकिन अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
रविवार को राज्य चुनाव आयोग ने बताया कि बंगाल में मौजूद 78 हजार 788 मतदान केंद्रों में से 18 हजार 461 मतदान केंद्र संवेदनशील पाए गए हैं। यहां अतिरिक्त संख्या में केंद्रीय जवानों की तैनाती होगी। उल्लेखनीय है कि राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी बनकर उभरी भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने दिल्ली में केंद्रीय चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिलकर पूरे बंगाल को संवेदनशील घोषित करने की मांग की थी। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने भी बंगाल में मुख्य चुनाव अधिकारी आरिज आफताब से मुलाकात की थी और बंगाल के प्रत्येक मतदान केंद्र को संवेदनशील घोषित करने को कहा था लेकिन प्राथमिक रिपोर्ट इन दोनों पार्टियों को मायूस करने वाली है। आयोग की ओर से कहा गया है कि प्राथमिक तौर पर जो रिपोर्ट सामने आई है, उसमें राज्य केवल 30 प्रतिशत मतदान केंद्र संवेदनशील पाए गए हैं।
इसके अलावा चुनाव आयोग ने बताया कि पिछले सप्ताह केंद्रीय चुनाव उपायुक्त सुदीप जैन ने पश्चिम बंगाल का दौरा किया था और राज्य कानून व्यवस्था के एडीजी सिद्धिनाथ गुप्ता के साथ मुलाकात की थी। इस दौरान आयोग की ओर से उन अपराधियों की रिपोर्ट मांगी गई थी, जो अभी भी गिरफ्तार नहीं किए गए हैं और कानून व्यवस्था के लिए चुनौती हैं। राज्य सरकार की ओर से ऐसे अपराधियों की सूची सौंपी गई है। इसमें बताया गया है कि वर्तमान में बंगाल में 18 हजार 399 ऐसे अपराधी हैं जिन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सका है और चुनाव के दौरान कानून व्यवस्था के लिए समस्या उत्पन्न कर सकते हैं। इन सभी अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए 11 अप्रैल को पहले चरण के मतदान से पहले प्रतिदिन 610 अपराधियों को गिरफ्तार करना होगा, जो पुलिस के लिए संभव नहीं है। ऐसे में आयोग ने निर्देश दिया है कि राज्य प्रशासन को इसके लिए कोई ना कोई उपाय हर हाल में करना होगा।
आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि सबसे अधिक अपराधी दक्षिण 24 परगना में हैं। यहां 2213 ऐसे अपराधियों को चिह्नित किये गए हैं, जो कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बन सकते हैं लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इसके बाद पूर्व और पश्चिम बर्दवान हैं जहां कुल 2009 ऐसे अपराधी हैं। बीरभूम और मुर्शिदाबाद में 3400 अपराधी अभी भी गिरफ्तार नहीं किए जा सके हैं। कोलकाता में ऐसे अपराधियों की संख्या 752 है। उत्तर 24 परगना में करीब 1200 ऐसे अपराधी हैं जो कानून व्यवस्था के लिए मतदान के दौरान चुनौती बन सकते हैं।
चुनाव आयोग की ओर से बताया गया है कि 2016 के विधानसभा चुनाव के दौरान 16,428 ऐसे अपराधी थे, जो कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बन सकते थे लेकिन इस बार 2000 अपराधी बढ़े हैं। इसे लेकर चुनाव आयोग खुश नहीं है और राज्य प्रशासन को हर हाल में इसका उपाय करने का निर्देश दिया गया है।