जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने को लेकर बढ़ा सियासी तापमान !
-कांग्रेस नेतृत्व का केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने का दबाव
सीतापुर, 23 मार्च (हि.स.)। भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने प्रत्याशियों की पहली सूची में सीतापुर जिले को छूने वाली तीन संसदीय क्षेत्रों की तस्वीर साफ कर दी है लेकिन जिले की महत्वपूर्ण धौरहरा सीट से उम्मीदवार घोषित न हो पाने से अन्य दलों की धड़कनें बढ़ रही हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नजदीकी माने जाने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद धौरहरा सीट पर कांग्रेस से घोषित प्रत्याशी हैं। सीतापुर, मिश्रिख, मोहनलालगंज, शाहजहांपुर, लखीमपुर सहित धौरहरा के आस-पास की सभी संसदीय सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी है, लेकिन धौरहरा सीट पर भाजपा किसे चुनाव लड़ायेगी? यह अभी साफ नहीं हो पाया है। धौरहरा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जितिन प्रसाद का नाम घोषित हो जाने के बाद अब कांग्रेस नेतृत्व उन्हें लखनऊ से केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने का दबाव बना रहा है, जबकि जितिन धौरहरा से ही चुनाव लड़ना चाहते हैं।
इसी बीच शुक्रवार को जितिन के भाजपा में शामिल होने की खबर ने सियासी गलियारों में खलबली मचा दी। दोपहर बाद तक लोग कांग्रेस पदाधिकारियों, पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद, उनके नजदीकियों को फोन मिलाकर खबर की पुष्टि करते रहे, पर कहीं से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका। इसी बीच खबर आई कि शाम 4 बजे जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो सकते हैं, कई न्यूज चैनलों पर भी यह खबर प्रमुखता से दिखाई जाने लगी, इसके बावजूद जिले का कोई भी कांग्रेस या भाजपा का नेता इस खबर की पुष्टि करने को तैयार नहीं था। तभी कुछ चैनलों पर जितिन ने भाजपा में जाने की खबर का खंडन किया, पर जितिन खुद मीडिया के सवालों से बचते नजर आये। फिर भी जितिन के भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं तेजी से हो रही है।
पिछले कुछ समय से जितिन कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं। यूपी में जितिन प्रसाद के रहते हुये ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गयी। अब धौरहरा सीट छोड़ कर जितिन पर लखनऊ से चुनाव लड़ने का दबाव बनाया जा रहा है। यह कुछ प्रमुख कारण हैं जिसकी वजह से जितिन प्रसाद कांग्रेस से नाराज बताए जा रहे हैं। जितिन के भाजपा में शामिल होने की चर्चाओं ने कांग्रेस सहित भाजपा की भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। धौरहरा सीट के लिए बीजेपी से इस बार कई प्रमुख नेता टिकट के दावेदार हैं, ऐसे में अगर जितिन प्रसाद ने बीजेपी का दामन थाम लिया तो कईयों के राजनैतिक अरमानों पर पानी फिर सकता है।
जितिन प्रसाद का क्षेत्र में काफी प्रभाव है तथा कांग्रेस सरकार में केन्द्रीय मंत्री रहते उन्होंने क्षेत्र में कई विकास कार्य कराए थे। इस कारण उनकी लोकप्रियता धौरहरा में काफी है। इस लोकसभा क्षेत्र में सीतापुर जिले की 2 विधानसभाएं महोली व हरगांव आती हैं। इन दोनों सीटों पर बीजेपी का ही कब्जा है। जितिन की भाजपा से नजदीकी को लेकर सीतापुर जिले का कांग्रेसी हतप्रभ हैं। अब देखना यह है कि जितिन भाजपा में शामिल होते हैं या फिर कांग्रेस के टिकट पर धौरहरा से ही चुनाव लड़ते हैं।