पीयूष गोयल ने 160 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ने वाले डब्ल्यूएपी-7 इंजन का किया लोकार्पण

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नई दिल्ली, 07 मार्च (हि.स.)। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को रेल भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ने वाले डब्ल्यूएपी-7 इंजन का अनावरण किया। यह कार्य ‘मेक इन इंडिया’ के अंतर्गत किया गया है। इस इंजन का पूरा डिजाइन और विकास स्वदेशी स्तर पर चितरंजन लोको वर्कशॉप द्वारा किया गया है।
चितरंजन रेल इंजन कारखाना(चिरेका) ने विद्युत रेल इंजन निर्माण के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए डब्ल्यूएपी-7 को तैयार किया है। यह इंजन 6000 हॉर्स पावर और 160 किलोमीटर प्रतिघंटा रफ्तार की क्षमता रखता है। पहले इसकी गति 140 किमी प्रति घंटा थी। यह उच्च गति वाली रेलगाड़ियों के 24 कोच तक को खींचने की क्षमता रखता है।
इसका उपयोग देश के अधिक गति क्षमता वाले राजधानी, शताब्दी और दुरंतो एक्सप्रेस जैसी ट्रेन के इंजन के रूप में होगा। भारतीय रेल के लिए यह विद्युत रेल इंजन नई तकनीक के क्षेत्र में अलग पहचान देगा। रेलगाड़ियों को तीव्र गति से चलाना और उनके यात्रा समय में कमी लाने के लिए इंजनों की अधिकतम गति सीमा को बढ़ाना समय की आवश्यकता है। इस उद्देश्य को दृष्टि में रखते हुए भारतीय रेलवे ने डब्ल्यूएपी-7 एचएस डीजल इंजनों की गति सीमा को 140 किलोमीटर प्रतिघंटा से बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रतिघंटा करने की योजना बनाई। आवश्यक परीक्षणों के बाद इस इंजन को सेवा में लगाया जाएगा। यह नए प्रकार का इंजन राजधानी, शताब्दी और दुरंतो रेलगाड़ियों में प्रयोग किया जाएगा।
इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के सदस्य इंजीनियरिंग विश्वेश चौबे तथा सदस्य बिजली घनश्याम सिंह व रेलवे के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।


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