कैबिनेट: दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में भी मिलेगा संपत्ति का मलिकाना हक

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नई दिल्ली, 07 मार्च (हि.स.)। केंद्र सरकार ने दिल्ली में बिना कानूनी अनुमति के बने मोहल्ले और अनियमित जमीन का मालिकाना हक तय करने की प्रक्रिया की सिफारिश करने के लिए उपराज्यपाल के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई है। यह कमेटी तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। केंद्र के इस फैसले से अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाली जनता अब अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री करा सकेगी और उसे किसी अन्य के नाम पर भी ट्रांसफर करा सकेगी। इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि लोग भवन निर्माण के लिए बैंक से कर्ज ले सकेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक समिति ने गुरुवार को दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों (यूसी) के निवासियों को स्वामित्व या हस्तांतरण देने की प्रक्रिया की सिफारिश करने के लिए एक समिति के गठन के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बताया कि समिति की अध्यक्षता दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा की जाएगी, जिसमें दिल्ली विकास प्राधिकरण(डीडीए) के उपाध्यक्ष; केंद्र सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय(एमओएचयूए) के अतिरिक्त सचिव, दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव, पूर्वी, उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगमों के आयुक्त, दिल्ली शहरी कला आयोग के अध्यक्ष, अर्बन ट्रांसपोर्ट, स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर(एसपीए), दिल्ली के प्रोफेसर, शहरी मामलों के राष्ट्रीय संस्थान के शहरी नियोजक और निदेशक, दिल्ली फायर सर्विसेज के पूर्व निदेशक तथा डीडीए के प्रमुख सचिव, सदस्य सचिव भी सदस्य होंगे।
गठित समिति 90 दिनों में अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को सौंप देगी। समिति द्वारा इस रिपोर्ट को प्रस्तुत करने पर कैबिनेट सचिवालय को सूचित किया जाएगा और समिति की सिफारिशों पर विचार करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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