सुषमा स्वराज ने चीन में कहा- हमले की तैयारी कर रहा था जैश-ए-मोहम्मद, इसलिए हुई कार्रवाई

0

– विदेश मंत्री स्वराज ने चीन और रूस को दी एय़रस्ट्राइक की विस्तृत जानकारी
नई दिल्ली, 27 फरवरी (हि.स.) । चीन, भारत और रूस (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की वार्षिक त्रिपक्षीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन पहुंचीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार सुबह अपने चीनी समकक्ष वांग वी से मुलाकात की। इसके बाद वह अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से भी मिलीं। दोनों नेताओं से मुलाकात में स्वराज ने भारत की एयरस्ट्राइक का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पुलवामा आतंकी हमले को अंजाम देने के बाद भारत में और भी हमले की योजना बना रहा था। इसके मद्देनजर भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई की।
स्वराज ने कहा, “पाकिस्तान आतंकी संगठनों को पनाह देने की बात लगातार नकारता रहता है। इसी बीच हमें खबर मिली कि जैश-ए-मोहम्मद भारत में और आतंकी हमले करने की फिराक में है। इसके बाद भारत सरकार ने उसके खिलाफ कार्रवाई का फैसला किया। इसमें कई आतंकी मारे गए। हमने इस तरह से लक्ष्य निर्धारित किया कि आम लोगों को कोई नुकसान ना पहुंचे।”
उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले की चर्चा करते हुए कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति रखता है। इस हमले को जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया था। जब पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कोई कड़ा कदम नहीं उठाया, तो हमने यह कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि अब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक जंग का समय आ गया है।
स्वराज ने अपने चीनी समकक्ष से कहा, “मेरा चीन का दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब भारत दुख और गुस्से से भरा हुआ है। कुछ दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था। इसमें 40 जवान शहीद हो गए। अब वक्त आ गया है कि सभी देश आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए उसके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करें।”
चीन के झेजियांग के वुहान में बुधवार को होने वाली इस त्रिपक्षीय बैठक में पुलवामा आतंकी हमला और पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित करने का मुद्दा प्रमुख रूप से उठने की उम्मीद है। विदेश मंत्री स्वराज इस बैठक से इतर, चीन और रूस के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगी।
उल्लेखनीय है कि चीन और पाकिस्तान की दोस्ती जगजाहिर है। ऐसे में चीन को इस विषय पर भारत द्वारा साधना काफी अहम हो जाता है। जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने की भारत की राह में चीन ही सबसे बड़ा रोड़ा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में चीन कई बार वीटो पॉवर का इस्तेमाल कर यह प्रयास कर चुका है कि मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित ना किया जा सके।
पुलवामा हमले के संदर्भ में जब सुरक्षा परिषद की बैठक में निंदा प्रस्ताव लाने की चर्चा हुई तो चीन ने इसमें मसूद अजहर का नाम आने का विरोध किया था। हालांकि, वैश्विक दबाव के बाद चीन जैश-ए-मोहम्मद का नाम लेने पर राजी हो गया था।

 


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *